प्रधानमंत्री मोदी किसानों की समस्या सुलझाने को प्राथमिकता देना चाहते हैं. इन दिनों किसानों की खुशहाली के लिए वे प्रतिबद्ध नज़र आ रहे हैं. इसमें कोई दो मत नहीं कि गुजरात चुनाव परिणाम आने के बाद से मोदी सरकार किसानों को लेकर ज्यादा ही सक्रिय हो गई है. चाहे वह वाणिज्य मंत्रालय हो, वित्त मंत्रालय हो या विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय.
यही कारण है कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी किसानों के ग्रुपों और विशेषज्ञों के साथ कई बैठकें की हैं. वाणिज्य मंत्रालय ने भी भारतीय किसानों की मदद करने के लिए कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क लगा दिया है. वित्त मंत्रालय किसान समुदाय को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्रीय बजट में अधिक घोषणाएं करने के लिए प्रयत्नशील है.
आपको बता दें कि 1 फरवरी को पेश होने वाला बजट अगले आम चुनावों से पहले मोदी सरकार का यह अंतिम पूर्ण बजट होगा इसलिए इसे ‘कृषि बजट’ भी कहा जा सकता है. सूत्रों की बातों पर विश्वास करें तो पीएम मोदी नए कृषि मंत्री की तलाश में हैं, हालाँकि राधामोहन सिंह से शिकायत नहीं है, लेकिन मोदी एक नया चेहरा चाहते हैं जो किसानों का प्रतीक हो. ऐसे में उन्हें सुझाव दिया गया है कि प्रधानमंत्री अगले आम चुनावों तक कृषि मंत्रालय को अपने पास रखें और राधामोहन सिंह को किसी अन्य मंत्रालय सौंप दिया जाए.
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