भारत के अग्रणी कृषि-रसायन निर्माता, इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेडने 31 दिसंबर 2016 को समाप्त हो रही तीसरी तिमाही के दौरान शानदार लाभ होने की घोषणा की है। कंपनी को इस साल तीसरी तिमाही में कुल 5.38 करोड़ रुपये का लाभ हुआ जबकि पिछले वित्त वर्ष में तीसरी तिमाही में मात्र 1.02 करोड़ रुपये का लाभ हुआ था।
आईआईएल को इस साल की तीसरी तिमाही में पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 154.66 करोड़ की विशुद्ध आमदनी की तुलना में 159.05 करोड़ रुपये की आमदनी हुई।
इन परिणामों की जानकारी देते हुए इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड (आईआईएल) के प्रबंध निदेशक श्री राजेश अग्रवाल ने कहा, ‘‘ये आंकड़े उम्मीद के अनुसार ही उत्साहजनक रहे हैं। विशेष रूप से इस साल लाये गये नये उत्पादों के कारण लाभ में काफी इजाफा हुआ। हम किसानों को बेहतर रेंज प्रदान करने के लिए अगले साल और अधिक उत्पादों को लाने के लिए तत्पर हैं।’’
इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड के बारे में:
बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध कंपनी, इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) लिमिटेड (आईआईएल), भारत की प्रमुख और तेजी से बढ़ रही कृषि रसायन निर्माण कंपनी में से एक है। आईआईएल 2014-15 में 964.19 करोड़ रुपए के मुकाबले 2015-16 में 988.15 करोड़ रुपए की बढ़त के साथ भारत के फसल देखभाल बाजार में एक अग्रणी परफार्मर के रूप में उभरा है।
कंपनी इस साल पूरी तेजी से आगे बढ़ने के लिए तैयार है। कंपनी के पास अपना प्रतिष्ठित ट्रैक्टर ब्रांड है जो किसानों के बीच बेहद लोकप्रिय है। इसके कृषि उत्पादों का व्यापक ब्रांड कृषक समुदाय के साथ कंपनी के गहरे संबंध का प्रतीक है। आईआईएल के सबसे अधिक बिकने वाली ब्रांडों में लीथल, विक्टर, हाइजैक, एक्सप्लोड, माइकोराजा, मोनोसिल, और प्राइम गोल्ड शामिल है। हाल ही में, कंपनी ने एक नया हर्बिसाइड ग्रीन लेबल को लांच किया है, जिसे भारतीय किसानों के लिए पहली बार भारत में निर्मित किया जा रहा है।
कंपनी ने भारत में प्रमुख अंतरराष्ट्रीय इंसेक्टिसाइड ब्रांडों, ‘‘थिमेट’’ और ‘‘नुवान’’ के निर्माण और बाजारीकरण के लिए अमेरिकन वैंगार्ड कारपोरेशंन, यूएसए के साथ तकनीकी और विपणन समझौता किया है। इसके अलावा, उसने भारत में सुजुका और हक्को को लांच करने के लिए जापानी निहोन नोहयाकू कंपनी लिमिटेड के साथ करार किया है। इसके अलावा, चालू वर्ष में, कंपनी ने मोमेंटिव, यूएसए के साथ करार किया है और भारत में एग्रोस्प्रेड मैक्स लांच किया है, जो कि सुपर स्प्रेडर है। इससे किसानों को मदद मिलेगी और कृषि रसायनों की प्रभावकारिता बढ़ जाएगी।
कंपनी की चोपांकी (राजस्थान), सांबा और उधमपुर (जम्मू-कश्मीर) और दाहेज (गुजरात) में अत्याधुनिक निर्माण इकाइयां है। आईआईएल ने बैकवर्ड इंटीग्रेशन से प्रतिस्पर्धा हेतु बाईस्पाइरिबैक सोडियम, इमिजाथेपिर, डाइक्लोरोवोस, ग्लिफोसेट, थाइमेथोक्सैम, थाइएफैनेट मिथाइल, डाईफेनथ्युरोन, ट्राइसाइक्लाजोल इत्यादि जैसे तकनीकी ग्रेड रसायनों को बनाने के लिए चोपांकी और दाहेज में तकनीकी सिंथेसिस संयंत्रों को भी स्थापित किया है।
2014 में, आईआईएल ने भारत में पहली बार ओएटी एग्रियो, जापान के साथ संयुक्त उद्यम के तहत उत्पादों की खोज के लिए अनुसंधान एवं विकास केन्द्र स्थापित किया है। इसकी पांच साल में 2-3 नए कृषि रासायनिक अणुओं का आविष्कार करने की योजना है।
आईआईएल फाउंडेशन इंसेक्टिसाइड्स (इंडिया) की एक पहल है जो भारतीय किसानों को आधुनिक कृषिगत प्रथाओं और तकनीकों के संबंध में उन्हें जानकारी प्रदान के लिए उनके साथ मिलकर काम करता है।
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