अन्तराष्ट्रीय बाजार में भारत का अन्य देशों के साथ एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट को लेकर उतार चढ़ाव हमेशा होता रहता है. जिसके कारण कभी किसानों को फायदा होता है तो कभी नुक्सान होता है, फिलहाल ऐसा ही कुछ चल रहा है अंतराष्ट्रीय मार्किट में चीन और अमेरिका के ससाथ अमेरिका और चीन के बीच चल रहे इस व्यापार युद्ध का फायदा भारतीय किसानों को हो सकता है। भारत में वह किसान जो सोयाबीन और सफेद सरसों पैदा करते हैं उनको इसका फायदा हो सकता है। चीन ने 7 साल पूर्व खराब क्वॉलिटी का हवाला देकर भारतीय सफेद सरसों खरीदने पर बैन लगा दिया था। फिलहाल चीन में मौजूद भारतीय दूतावास ने चीन से इस बैन को हटाने की मांग ही है.
इतना ही नहीं भारत व्यापार युद्ध का फायदा उठाने के लिए चीन को सोयाबीन का आयात भी बढ़ाने पर विचार कर रहा है। ज्ञात रहे चीन अब तक अमेरिका से सोयाबीन लेता रहा है, जिसमें व्यापार युद्ध के बाद कटौती आई है। यदि चीन बैन हटा देता है तो यह भारतीय किसानों के लिए अच्छा मौका साबित हो सकता है
साल 2015-16 में भारत में सफेद सरसों का उत्पादन 6,820 किलो टन था। इसका ज्यादा उत्पादन राजस्थान, हरियाणा, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में होता है। वहीं सोयाबीन के उत्पादन की बात करें तो यह 2016-17 में 13 मिलियन टन था। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान इसके बड़े उत्पादक हैं। यदि चीन सफ़ेद सरसों आयात से बैन हटा देता है तो इससे किसानों को अगले सीजन में फायदा हो सकता है. हालांकि भारत चीन से बैन को हटाने के लिए प्रयास कर रहा है.
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