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इजरायल के इस कदम से खिल उठे किसानों के चेहरे, अब विश्व में बजेगा भारतीय कृषि का डंका

आपको तो पता ही होगा कि इजराइल की कृषि तकनीक का डंका पूरे विश्व में बजता है. हर कोई इजरायल की तकनीक का कायल है. उसका दीवाना है. हर देश चाहता है कि उसकी भी कृषि प्रणाली इजरायल की कृषि प्रणाली की तरह हाईटेक हो सके, मगर यह सबके नसीब में कहा हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी हो होगी कि जिस तरह के कदम पिछले कुछ वर्षों से भारत और इजरायल उठाने जा रहे हैं, वो यकीनन काबिल-ए-तारीफ है.

सचिन कुमार
Indian and Israel
Indian and Israel

आपको तो पता ही होगा कि इजराइल की कृषि तकनीक का डंका पूरे विश्व में बजता है. हर कोई इजरायल की तकनीक का कायल है. उसका दीवाना है. हर देश चाहता है कि उसकी भी कृषि प्रणाली इजरायल की कृषि प्रणाली की तरह हाईटेक हो सके, मगर यह सबके नसीब में कहा हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी हो होगी कि जिस तरह के कदम पिछले कुछ वर्षों से भारत और इजरायल उठाने जा रहे हैं, वो यकीनन काबिल-ए-तारीफ है.

यह कदम महज एक कदम नहीं, बल्कि यह वह ऐतिहासिक फैसला साबित होने जा रहा है, जो भारतीय कृषि की दशा व दिशा बदलने में बेहद कारगर होंगे. हालांकि, भारत और इजरायल का कृषि क्षेत्र में सहभागिता 1993 से है, मगर सोमवार को भारत और इजरायल की सरकारों ने मिलकर जिस तरह का कदम उठाया, उस जानकर पूरी भारतीय कृषि समुदाय के चेहरे खिल उठे. आइए अब हम आपको भारत और इजरायल की सरकारों द्वारा उठाए गए फैसलों के बारे में पूरे विस्तार से बताते हैं.

तीन समझौतों पर हुए हस्ताक्षर

यहां हम आपको बताते चले कि भारत और इजरायल की सरकारों ने मिलकर भारतीय कृषि को एक नई पहचान दिलाने के लिए कुल तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें भारत ‘इजरायल कृषि परियोजना उत्कृष्टता केंद्र’, ‘भारत इजरायल कृषि परियोजना उत्कृष्टता गांव’ और ‘एकिकृत  बागवानी विकास मिशन’ की दिशा में कार्य करने जा रहे हैं. दोनों देशों के बीच यह योजनाएं आगामी 3 वर्षों तक प्रभावी रहेंगी. इस दौरान दोनों देशों के बीच कृषि क्षेत्र से संबंधित कृषि योजनाओं का आदान-प्रदान किया जाएगा, ताकि भारतीय कृषि क्षेत्र की उन्नति में इजाफा हो सके और बागवानी क्षेत्र के उत्पादों की गुणवत्ता में भी इजाफा हो सके. इससे जहां किसानों की आय बढ़ेगी तो वहीं हमारे अन्नदाता आत्मनिर्भर हो सकेंगे.   

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगामी 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने का लक्ष्य निर्धारित कर चुके हैं, जिसको ध्यान में रखते हुए दोनों देशों के बीच शुरू हुई इन परियोजनाओं का सार बहुत व्यापक माना जा रहा है. वहीं, इंडो-इजरायल विलेजिज ऑफ एक्‍सीलेंस एक नई संकल्‍पना है. जिसका लक्ष्‍य 8 राज्‍यों के 75 गांवों में 13 सेंटर ऑफ एक्‍सीलेंस के समीप कृषि में इकोसिस्‍टम विकसित करना है.

भारतीय किसान होंगे आत्मनिर्भर

इस बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए भारत में इजरायल के राजदूत  डॉ. रोन मलका ने कहा कि दोनों देशों के बीच शुरू हुई इस परियोजना से किसानों की आय में इजाफा होगा. दोनों देशों के बीच संबंध प्रगाढ़ होंगे. इस बीच कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हमारी सरकार के लिए हमेशा से ही कृषि क्षेत्र प्रथामिकताओं वाला क्षेत्र रहा है. हमारी सरकार का भी यह उद्देश्य है कि आगामी वर्षों में किसानों की आय को दोगुना किया जा सके. 

भारत और इजराइल का कृषि संबंध भी बेहद पुराना है. खैर, अब देखना यह होगा कि आगामी तीन वर्षों के उपरांत इन परियोजनाओं का भारतीय कृषि क्षेत्र पर क्या कुछ प्रभाव पड़ता है.

English Summary: India and israel signature in three project for indian agriculture Published on: 25 May 2021, 02:30 PM IST

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