बिहार के बक्सर जिला के कृष्णा ब्रह्म के किसान सब्जी की खेती कर आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रहे है। डुमरांव अनुमंडल के सोंवा गांव के रहनेवाले कहैंया पासवान सब्जी की सीमति खेती कर लाखों रु पये की कमाई कर रहे हैं। सब्जी से होनेवाली आय से न केवल परिवार का सही से पालन पोषण हो रहा है, बल्कि बच्चों के बेहतर शिक्षा-दीक्षा में भी सहयोग मि लने लगा है। इन दिनों टमाटर, बैगन एवं मिर्च की खेती कर महज डेढ़ एकड़ की खेती से चार से पांच माह में लगभग दो लाख की आमदनी हो जाती है। पांच माह में कई फसल चक्र अपनाकर टमाटर, मिर्च, बैगन की खेती करते हैं।
डेढ़ एकड़ में पारंपरिक खेती से अलग सब्जी की खेती कर कि सान कन्है या लाखों की कमाई कर रहे है। कहैंया फसल चक्र के माध्यम से सब्जी की खेती करते है। मौसमानुकूल दो से तीन फसल एक साथ उगायते हैं, जि ससे आय स्नेत लगातार बना रहता है। ज्यादातर बैगन, हरा मिर्च, टमाटर की खेती करते है़ं गोभी के बाद आलू की खेती करते है। आलू के बाद गर्मा सब्जी की फसलें उगायी जाती है। अपने इसी कठि न परिश्रम की बदौलत आज किसान कहैंया लोगों के लिए आदर्श बने हुए है।
धरहरा में सब्जी का प्रतिदिन बाजार लगता है, जि सके कारण खेतों में उपजे उत्पादन यहीं लगनेवाले बाजार में बिक जाते है। .आस पास सब्जी की पर्या प्त उपज होने के कारण कृष्णा ब्रह्म के पास धरहरा में बड़ा बाजार प्रतिदि न लगता है, जहां न केवल जिले के, बल्कि उत्तर प्रदेश के व्यापारी सब्जी की खरीदारी करने के लि ए प्रतिदिन आते है। क्षेत्र के किसानों को बाजार आसानी से उपलब्ध हो जाता है। सब्जी की खेती पांच माह तक की जाती है, जिससे होनेवाली आय पारंपरिक खेती से होनेवाले आय से ज्यादा हो जाती है. अपेक्षाकृत मेहनत भी कम होती है। ज्यादा मात्र में खेती होने के कारण बाजार आसानी से घर पर ही उपलब्ध हो जाता है।
संदीप कुमार
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