घरेलू बाज़ार की कीमतों में गिरावट के बावजूद भारतीय काली मिर्च का एक्सपोर्ट रफ्तार नहीं पकड़ रहा है क्योंकि वियतनाम और ब्राजील ग्लोबल मार्केट में कम भाव पर इसे बेच रहे हैं। भारत में गार्बल्ड वेरायटी की कीमत एक महीने में करीब 6 फीसदी घटकर 649 रुपये प्रति किलो पर आ गई है। भारतीय काली मिर्च की कीमत 3,000-3,500 डॉलर प्रति टन पर है, जो वियतनाम की काली मिर्च से कहीं ज्यादा है।
पिछले साल लंबे समय तक सूखा रहने के कारण इसके उत्पादन पर असर पड़ा है। एक प्रमुख एक्सपोर्टर किशोर शामजी ने कहा, 'काली मिर्च की आवक अच्छी है, लेकिन इसका विस्तार घनत्व (बल्क डेन्सिटी) कम है, जिससे कुल टन भार कम हो सकता है।' सीजन के शुरुआत में उत्पादक डीमॉनेटाइजेशन के कारण होने वाली कैश की किल्लत के कारण ग्रीन पेपर नहीं बेच सके हैं। ऐसी काली मिर्च की बल्क डेन्सिटी मैच्योर होने के बाद कम होगी। एक दूसरे प्रमुख एक्सपोर्टर बाफना एंटरप्राइजेज के सीईओ जोजन मालायिल ने कहा, 'ऐसा लगता है कि सूखे ने उत्पादन पर असर डाला है। अब हम 55,000-60,000 टन के बीच प्रॉडक्शन की उम्मीद कर रहे हैं।' पिछले साल प्रॉडक्शन घटकर 40,000 टन के स्तर पर रहा था। मौजूदा समय में वियतनाम काली मिर्च का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इंडस्ट्री ने पहले 60,000 टन के प्रॉडक्शन का अनुमान लगाया था, जिसे अब वह संशोधित कर रही है। फिलहाल, मार्केट में ज्यादातर आवक केरल से हो रही है, जबकि सबसे ज्यादा काली मिर्च का उत्पादन करने वाले राज्य कर्नाटक से इस महीने के आखिर से आवक शुरू होने की उम्मीद है।
काली मिर्च के एक्सपोर्ट को मुख्य रूप से वियतनाम, इंडोनेशिया और ब्राजील से किए जाने वाले इंपोर्ट से सहारा मिला क्योंकि घरेलू पैदावार के दाम काफी ज्यादा थे और यह बमुश्किल ही घरेलू खपत को पूरा करने के लिए पर्याप्त था। सितंबर 2016 तक छह महीने में 9,750 टन काली मिर्च का एक्सपोर्ट किया गया, जिसकी वैल्यू 615.27 करोड़ रुपये रही। एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले वैल्यू और मात्रा के लिहाज से यह क्रमश: 47 फीसदी और 45 फीसदी कम रही। वियतनाम के पिछले साल करीब 1.5 लाख टन काली मिर्च प्रॉडक्शन का अनुमान है, जो कि इस साल 1.6 लाख टन से ज्यादा रह सकता है। ज्यादातर स्पाइस ओलियोरेसिन मेकर अपने काम के लिए काली मिर्च का इंपोर्ट करते हैं। एक प्रमुख ओलियोरेसिन मैन्युफैक्चरर प्लांट लिपिड्स (प्राइवेट) लिमिटेड के परचेज मैनेजर बी आदित्यन का कहना है, 'वियतनाम की काली मिर्च 420 रुपये प्रति किलो पर उपलब्ध है, जो भारतीय काली मिर्च के मुकाबले काफी कम दाम पर है।' हालांकि, उनका मानना है कि आवक बढ़ने के साथ ही भारतीय काली मिर्च की डिमांड में तेजी आएगी।
सूत्र : बिजनेस स्टैंडर्ड
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