देश में आज भी बड़े स्तर पर परम्परागत खेती की जाती है. लेकिन, समय के साथ खेती में नई तकनीकों और उपकरणों का इस्तेमाल भी बढ़ा है. अब किसान नई पद्दति के जरिए अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. इन्हीं पद्दतियों में से एक है हाइड्रोपोनिक प्रणाली, जो खेती-बागवानी को आसान बना रही है. देश के कई किसान इस पद्धति को अपनाकर सफल तरीके से खेती कर रहे हैं और मुनाफा भी कमा रहे हैं. अब खेती की इसी प्रणाली का पाठ दिल्ली के सरकारी स्कूलों में भी पढ़ाया जाएगा. जहां, छात्र इस प्रणाली से रूबरू होंगे. इसके लिए दिल्ली सरकार ने एक प्लान भी तैयार किया है.
100 स्कूलों में स्थापित होंगे हाइड्रोपोनिक सिस्टम
सरकार के प्लान के तहत दिल्ली के 100 सरकारी स्कूलों को इसके लिए चिन्हित किया गया है. इन स्कूलों में हाइड्रोपोनिक सिस्टम स्थापित किया जाएगा. जहां, कार्यशाला के जरिए विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. रिपोर्ट्स की मानें तो छात्रों को इस बारे में जानकारी देने का उद्देश्य आने वाले समय में खुली जगहों की होने वाली कमी भी है. अब छात्रों को स्कूलों में ही बताया जाएगा कि वे कैसे बिना मिट्टी के ही सब्जियों उगा सकते हैं. इसमें विद्यार्थियों को सब्जियों में पीएच लेवल व पोषक तत्वों का प्रबंधन के बारे में भी बताया जाएगा. साथ ही साथ पौधों को सही पोषक तत्व मिले इसे लेकर भी जानकारी प्रदान की जाएगी.
इस दौरान छात्र हाइड्रोपोनिक खेती के जरिए पानी की रीसाइक्लिंग करना भी सीख पाएंगे. साथ ही रासायनिक खरपतवार और कीट नियंत्रण से जुड़ी जानकारी भी उन्हें मिलेगी. बताते चलें कि ये एक बेहद ही आधुनिक तकनीक है.
क्या है हाइड्रोपोनिक खेती?
हाइड्रोपोनिक खेती एक आधुनिक खेती प्रणाली है जिसमें पानी के जरिए बिना मिट्टी के पौधों को उगाया जाता है। इस तकनीक में पाइपों का इस्तेमाल किया जाता है, जिसमें विभिन्न सब्जियों की उत्पादन किया जा सकता है. हाइड्रोपोनिक खेती करने से मुनाफे कमाने में मदद मिलती है, क्योंकि इसमें पैदावार बढ़ती है और लागत कम होती है.
नोडल किए जाएंगे नामित
उधर, स्कूल के मुखियाओं को स्कूल में हाइड्रोपोनिक सेटअप की स्थापना करने के लिए उचित स्थान की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं. कार्यशाला के लिए स्कूलों की तरफ से एक टीचर को नोडल के रूप में नामित करना होगा. वर्कशॉप के बाद स्टूडेंट्स से फीडबैक भी लिया जाएगा.
Share your comments