ट्रैक्टर रैली के दौरान राजधानी में भारी हिंसा को देखते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने अपने घर पर आपातकालीन बैठक बुलाई है. इस बैठक में उच्च पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ सुरक्षा एजंसियों से जुड़े बड़े अधिकारी भी आए हैं. अभी तक दिल्ली में हालात काबू में नहीं आए हैं, हालांकि शाम होते-होते किसानों के तेवर नरम दिखाई दे रहे हैं.
हिंसा से किसानों का कोई लेना-देना नहीं
हिंसा के बारे में लिखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने अपने प्रेस स्टेटमेंट में कहा है कि किसान गणतंत्र दिवस परेड में कुछ आसामाजिक तत्व आ गए हैं, जिनका आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही संगठन ने किसानों का शुक्रिया करते हुए ये भी कहा है कि उनके भाग लेने से आंदोलन अभूतपूर्व हो गया है.
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि किसानों के गणतंत्र दिवस परेड में कुछ अवांछनीय और अस्वीकार्य घटनाएं हुई है, जिसकी वो निंदा करते हैं और इसके लिए खेद प्रकट करते हैं.
शिवकुमार कक्का ने मांगी माफी
वहीं किसान नेता शिवकुमार कक्का ने देश से माफी मांगते हुए कहा है कि आंदोलन में हिंसा की कोई जगह नहीं थी, इसलिए वो कुछ लोगों के कृत्य से निराश हैं. उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर रैली में कुछ असामाजाकि तत्वों के आ जाने से किसानों का आंदोलन कमजोर हुआ है.
लाल किला की सुरक्षा बढ़ी
भारी तोड़फोड़ की घटनाओं को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने लाल किले की सुरक्षा बढ़ा दी है. वहीं मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने आईटीओ और लाल किला के आस-पास कई मेट्रो स्टेशनों को बंद कर दिया है.
राजनीति तेज
वहीं किसान आंदोलन को लेकर आज राजनीति भी तेज हो गई है. इस बारे में बीजेपी सांसद सैयद जफर इस्लाम ने कहा कि बार-बार आग्रह करने के बाद भी 26 जनवरी को रैली करने की मांग होती रही, किसान नेता कहते रहे कि हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करेंगे, लेकिन आज हिंसा होने के बाद वो खुद को उससे अलग कर रहे हैं.
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