Union Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 23 जुलाई को लगातार सातवीं बार बजट पेश किया. केन्द्रीय बजट 2024-25 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वेतन भोगियों, पेंशन भोगियों, किसान, महिलाओं, युवा, छात्रों समेत कई वर्गों के लिए बड़े ऐलान किए हैं. वही एग्रीकल्चर और उससे जुड़े सेक्टरों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. पिछले साल 1.25 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे. वही कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने और लचीलापन लाने के लिए केन्द्रीय बजट 2024-25 में कई उपायों की घोषणा की गई है जिसमें डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना, तिलहन के लिए ‘आत्मनिर्भरता’, बड़े पैमाने पर सब्जी उत्पादन केन्द्रों की स्थापना और झींगा ब्रूड-स्टॉक्स के लिए न्यूक्लियस ब्रीडिंग केन्द्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता शामिल हैं.
ऐसे में आइए विस्तार से जानते हैं केन्द्रीय बजट 2024 में कृषि क्षेत्र और किसानों को क्या सौगातें मिली हैं-
पांच राज्यों में जारी किए जाएंगे जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सांसद में कहा कि प्रायोगिक परियोजना की सफलता से उत्साहित होकर, सरकार 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने के उद्देश्य से राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू करने में सहायता करेगी. उन्होंने आगे कहा कि इस साल डीपीआई का उपयोग करते हुए खरीफ फसलों का 400 जिलों में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया जाएगा. 6 करोड़ किसानों और उनकी जमीन के ब्यौरों को किसान और जमीन की रजिस्ट्री में दर्ज किया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा कि पांच राज्यों में जन समर्थ आधारित किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे.
दलहन और तिलहन मिशन
दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सरकार इन फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणनन को मजबूत बनाएगी. केन्द्रीय मंत्री ने बताया कि सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों में ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल करने के लिए एक कार्यनीति बनाई जा रही है, जैसा कि अंतरिम बजट में घोषणा की गई थी.
सब्जी उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला
वित्त मंत्री ने बताया कि प्रमुख उपभोक्ता केंद्रों के नजदीक सब्जी उत्पादन केन्द्रों की स्थापना की जाएगी. उन्होंने कहा कि सरकार उपज के संग्रहण, भंडारण और विपणन सहित सब्जी आपूर्ति श्रृंखलाओं के लिए किसान-उत्पादक संगठनों, सहकारी समितियों और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देगी.
झींगा उत्पादन और निर्यात
केन्द्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि झींगा ब्रूड-स्टॉक्स न्यूक्लियस ब्रीडिंग केंद्रों का नेटवर्क स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. उन्होंने कहा कि झींगा पालन, उनके प्रसंस्करण और निर्यात के लिए नाबार्ड के माध्यम से वित्तपोषण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
केन्द्रीय बजट में घोषित नौ प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से कृषि क्षेत्र में उत्पादन और लचीलापन पहली प्राथमिकता है. बजट 2024-25 में कृषि और उससे संबंधित क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. उन्होंने ‘अन्नदाता’(किसान) को 4 प्रमुख जातियों में से एक बताया और कहा कि इन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सरकार सभी प्रमुख फसलों के लिए एक महीने पहले उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्यों की घोषणा की है. यह लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन के वायदे के अनुरूप है. सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच के लिए बढ़ा दिया गया है जिससे 80 करोड़ से अधिक लोगों को लाभ मिल रहा है.
उच्च-उपज वाली 109 नई किस्मों तथा जलवायु-अनुकूल 32 नई किस्मों को जारी करने की घोषणा
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और फसलों की जलवायु-सहनीय किस्मों के विकास के लिए सरकार कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी. उन्होंने आगे कहा कि निजी क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों का वित्तपोषण चुनौतिपूर्ण तरीके से किया जाएगा. सरकारी और अन्य क्षेत्रों के विशेषज्ञ इन अनुसंधानों के संचालन की देखरेख करेंगे. बजट में किसानों की खेतीबाड़ी के लिए फसलों की उच्च उपज वाली 109 नई किस्मों तथा जलवायु अनुकूल 32 नई किस्मों को जारी करने की घोषणा की गई है.
प्राकृतिक खेती की शुरुआत करने के लिए किसानों को दी जाएगी सहायता
वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी, जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी. उन्होंने कहा कि इसका कार्यान्वयन वैज्ञानिक संस्थाओं और इच्छुक ग्राम पंचायतों के माध्यम से किया जाएगा. इस उद्देश्य के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों को पूरा करने के लिए किया जाएगा प्रोत्साहित
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री निर्मला सीतारमण ने केन्द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में, भूमि संबंधी सुधारों और कार्यों को उपयुक्त राजकोषीय सहायता के माध्यम से अगले तीन वर्षों के भीतर पूरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा. सुधारों में भूमि प्रशासन, योजना और प्रबंधन, तथा शहरी योजना, उपयोग और निर्माण संबंधी कानून शामिल होंगे. विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि ग्रामीण भूमि संबंधी कार्यों में सभी भू-खण्डों के लिए विशिष्ट भूखंड पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) अथवा भू-आधार निर्धारित करना, संवर्गीय मानचित्रों का डिजिटलीकरण, वर्तमान स्वामित्व के अनुसार मानचित्र उप-प्रभागों का सर्वेक्षण, भू-रजिस्ट्री की स्थापना, और कृषक रजिस्ट्री से जोड़ना शामिल है. इन कार्यों से ऋण प्रवाह और अन्य कृषि सेवाएं भी सुगम होंगी. शहरी भूमि से जुड़े कार्यों के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी इलाकों में भूमि संबंधी रिकॉर्डों का जीआईएस मैपिंग के साथ डिजिटलीकरण किया जाएगा.
केन्द्रीय बजट 2024-25 की प्रमुख बातें
केन्द्रीय बजट 2024-25 में ‘विकसित भारत’ की दिशा में 9 प्राथमिकताएं हैं-
1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
2. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण
3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय
4. विनिर्माण और सेवाएं
5. शहरी विकास
6. ऊर्जा सुरक्षा
7. अवसंरचना
8. नवाचार, अनुसंधान और विकास, और
9. अगली पीढ़ी के सुधार
1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलनीयता
• कृषि और इससे जुड़े क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का आवंटन.
• किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी.
• प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था के साथ अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि से जोड़ा जाएगा.
• प्राकृतिक खेती के लिए 10,000 आवश्यकता आधारित जैव-आदान संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे.
• तीन साल में किसानों और उनकी जमीन को शामिल करने हेतु कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को लागू किया जाएगा.
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