भारत एक ऐसा देश है जो अपने अस्तित्व में आने से लेकर अब तक कृषि पर आधारित है. दुनिया भर में भारत की पहचान एक कृषि प्रधान देश के रूप में होती है. यह सब अगर संभव है तो वह है, केवल मात्र भारत के किसान के कारण, जो दिन-रात खेतों में मेहनत करता है, ताकि इस मिटटी का कोई भी बच्चा भूखा न सोए. अब जब देश के हालात काफी ख़राब है, देश को अब तक की सबसे बड़ी महामारी कोरोना वायरस ने जकड़ रखा है. इस लाइलाज बीमारी के कारण सम्पूर्ण भारत लॉकडाउन जैसी स्थिति से गुजर रहा है. ऐसी स्थिति में गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए आगे आए है, उत्तर प्रदेश जिला गाज़ियाबाद के किसान ओम नागर जिन्होंने अपने खेत में उगाई हुई आधी फसल को दान देने का निर्णय किया है.
किसान ओम नागर ने यह भी कहा कि “संकट के इस समय में देश के लिए और जरुरतमंदों के लिए उनसे आगे और जो भी करते बनेगा वह करेंगे और मदद करंगे.” गौरतलब है कि लॉक डाउन लगने के बाद से हज़ारों की तादाद में दिहाड़ी मज़दूर बेरोजगार हो गए है. उनके पास पेट भरने के लिए दो वक़्त की रोटी तक का इंतज़ाम नहीं है. बड़े-बड़े राज्यों से इन मजदूरों को पलायन करते देखा जा सकता है. जो नंगे पेर ही अपने घर की ओर चल पड़े है. ऐसे मज़दूरों की मदद के लिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रधानमंत्री राहत कोष का ऐलान किया है, जिसमे देश के नागरिकों ने भी बढ़-चढ़कर दान दिया है.
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