बेमौसम बारिश एक बर फिर छत्तीसगढ़ के किसानों के लिए आफत बनकर आई है. अचानक आई बारिश के कारण यहां खड़ी धान की फसलों को भारी नुकसान हुआ है. वहीं पकी हुई फसलें खेतों में गिरे पड़े हैं, जिससे किसानों का सारा पैसा डूब गया है.
खबरों के मुताबिक बारिश रूकने के बाद पानी निकासी की तैयारी किसान अपने स्तर पर कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कहीं से भी सरकारी मदद की खबर नहीं मिली है. इस समय किसानों की सबसे बड़ी समस्या गिरे हुए फसलों को खेतों में जमे पानी में सड़ने से बचाना है.
सरकार ने लिया संज्ञानः
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रारंभिक सर्वे रिपोर्ट में 800 हेक्टेयर से अधिक धान फसल के नुकसान की खबर आई है. हालांकि इस बारे में राज्य कृषि वाभाग ने संज्ञान लिया है और दो-तीन दिन में सर्वे रिपोर्ट मांगा है. वहीं कलेक्टर रजत बंसल ने भी कृषि विभाग से रिपोर्ट की मांग की है.
धान के साथ इन फसलों को भी हुआ नुकसानः
धान के साथ-साथ टमाटर और सोयाबीन की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है. इस बारे में किसानों ने बताया कि बारिश के कारण टमाटर के नए फल झड़ गए हैं, वहीं बैंगन में छेदक कीड़े लग गए हैं. वहीं धनिया भी मिट्टी में सड़ रही है.
ग्राहकों की जेब पर पड़ेगा असरः
वर्तमान में फल-सब्जियों के दाम इस समय सातवें आसमान पर है. एसी स्थिती में बारिश के कारण सब्जियों के नुकसान से अंदाजा लगाया जा रहा है कि बाजार में एक बार फिर आवक कम मात्रा में होने वाली है और दाम बढ़ने वाले हैं.
किसानों ने की मुआवज़े की मांगः
भारी बारिश की मार झेल रहे छत्तीसगढ़ के किसानों ने मांग की है कि उन्हें सरकार उचित मुआवजा दे, जिससे वो आर्थिक नुकसान की भरपाई कर सके.
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