GST Rules 2022: उत्तर प्रदेश में इस समय वस्तु और सेवा कर यानी जीएसटी (GST) को लेकर व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है. जीएसटी विभाग यूपी के कई जिलों में छापेमारी कर रहा है और दुकानों पर जाकर सर्वे कर गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई कर रहा है. लेकिन अगर आप जीएसटी को लेकर तय जरूरी नियमों (GST Rules) का पालन करते हैं, तो फिर आपको डरने की जरूरत नहीं. आइए जानते हैं इसके लिए आपको क्या-क्या करना होगा जिससे आप बेफिक्री से अपना बिजनेस कर पाएंगे...
ऐसे वसूला जाता है टैक्स
जीएसटी को अगर हम आसान भाषा में समझें तो GST के तहत सामान्य रूप से टैक्स की वसूली कोई भी उत्पाद बेचने वाला यानी कारोबारी करता है. इसके बाद व्यापारी वह टैक्स सरकार को जमा कर देता है. भारत में जीएसटी चार प्रकार से वसूला जाता है. इसमें SGST, CGST, IGST और UGST शामिल हैं.
वस्तुओं की सप्लाई (मंगाने या भेजने) पर केंद्र और राज्य के लिए GST अलग-अलग चुकाना पड़ता है. किसी भी सौदे में CGST और SGST को मिलाकर वसूला जाता है. केंद्र शासित प्रदेशों (Union Territories) में व्यापार होने पर SGST की जगह UTGST देना होता है. वहीं जब कोई सप्लाई दो राज्यों के बीच होती है, तो वहां एकीकृत जीएसटी यानी IGST वसूला जाता है.
GST से संबंधित सबसे जरूरी नियम
जीएसटी के तय नियमों की बात करें तो 10 करोड़ सालाना टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए ई-चालान (E-invoicing) जरूरी है. इस नियम को इसी साल अक्टूबर 2022 में लागू किया गया है. हालांकि, यह 'बिजनेस टू बिजनेस' सौदों के लिए है. वहीं केंद्र सरकार आगामी बजट 2023-24 में इसे 5 करोड़ के टर्नओवर पर लागू करने की तैयारी कर रही है.
सामान्य श्रेणी के राज्यों में कारोबारियों के लिए जीएसटी के तय नियमों को देखें तो सालाना 40 लाख रुपये से ज्यादा के टर्नओवर पर GST रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी है. लेकिन Service Sector के लिए यह लिमिट 20 लाख रुपये ही रखी गई है. 1.5 करोड़ रुपये तक के सालाना टर्न ओवर पर कंपोजिशन स्कीम ले सकते हैं.
जीएसटी इन चार स्लैब में है डिवाइड
GST के तहत अलग-अलग वस्तुओं और सेवाओं पर वसूली जाने वाली दरें अलग-अलग होती हैं. सरकार ने इसके लिए 4 स्लैब बनाए हैं. हालांकि, यह स्थायी नहीं है और सरकार इसे जरूरत के हिसाब से इसे घटा या बढ़ा सकती है.
- 5 फीसदी: सामान्य जरूरत की वस्तुओं पर 5% GST वसूला जाता है. चाय, काफी, मिठाई, पैकेज्ड फूड आइटम.
- 12 फीसदी: कम अनिवार्य वस्तुओं को 12% टैक्स स्लैब के तहत रखा गया है. जैसे कंप्यूटर, खाद्य पदार्थ.
- 18 फीसदी: जरूरत और विलासिता के बीच की वस्तुओं पर 18% टैक्स तय है. जैसे महंगे जूते, औद्योगिक सामग्री, मिनरल वाटर.
- 28 फीसदी: विलासिता और नुकसानदेह चीजों को 28% टैक्स वाले स्लैब में रखा गया है. जैसे कार, एसी, सिगरेट.
किन सामानों पर कितना लगता है जीएसटी
जुलाई 2022 में केंद्र सरकार ने बड़ा बदलाव करते हुए कई खाने-पीने के पैक्ड सामानों पर 5 फीसदी GST लगाने का निर्णय लिया था. इसके तहत पैकिंग वाले गेहूं, चावल, गुड़, चीनी, मुरमुरा, आटा, राई, जौ, शहद, पनीर, दही, छाछ, लस्सी, पनीर को इस दायरे में रखा है. इसके अलावा होटल में ठहरने पर बिल के साथ 12 फीसदी GST लगाया गया है. इसके अलावा कई सामानों पर दरों को 12 से 18 फीसदी किया गया है.
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