Gram Unnati In Baran: राजस्थान के बारां में ग्राम उन्नति ने शुक्रवार को धनिया किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया. जिसमें किसानों को धनिया के टिकाऊ उत्पादन के लिए पारंपरिक प्रथाओं के साथ एकीकृत कीट प्रबंधन रणनीतियों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. मुख्य तौर पर धानिया की खेती करने वाले 125 किसानों ने शिविर में हिस्सा लिया.
गौरतलब है कि बारां में धनिया का व्यापक रूप से उत्पादन किया जाता है, अधिक धनिया उत्पादन के लिए बारां में वैज्ञानिक रूप प्रशिक्षण देने की सिफारिश की गई थी. बारां की भूमि काफी हद तक शुष्क है. जिसके कारण धनिया एक लोकप्रिय नकदी फसल है जो कम पानी और कृषि आदानों का उपयोग करती है और बारां की मिट्टी और तापमान इसकी खेती के अनुकूल हैं.
ग्राम उन्नति के सीईओ और संस्थापक अनीश जैन कहा- शिविर का उद्देश्य किसानों को स्वस्थ फसलों की खेती करने में मदद करना था, जो बाजार में बेहतर लाभ देगी. उद्योग के विशेषज्ञों की मदद से, हमने किसानों को एकीकृत कीट और पोषक तत्वों की प्रथाओं के महत्व पर प्रकाश डाला है.
धनिया के साथ लहसुन की बुवाई करने जैसी कुछ अनोखी प्रथाएं कीट प्रबंधन के लिए मददगार हो सकती हैं, क्योंकि लहसुन की तेज गंध कीट विकर्षक के रूप में काम करती है. उन्होंने कहा कि, विशेषज्ञों ने यह भी सिफारिश की है कि किसानों को खरपतवारों का प्रबंधन करने और खरपतवारनाशियों पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए कुछ पारंपरिक प्रथाओं जैसे हाथ से गुड़ाई और फसल की जुताई पर वापस लौटने की कोशिश करनी चाहिए. इन प्रथाओं से अंततः मिट्टी का स्वास्थ्य भी बेहतर होगा.
बता दें कि बारां और उसके आस-पास के क्षेत्रों में किसान की आय का प्रमुख स्त्रोत्र धनिया की ब्रिकी पर निर्भर करता है. इसलिए किसान अपने मुनाफे को अधिकतम करने के लिए उच्चतम गुणवत्ता वाली फसल का उत्पादन करने में बहुत समय और पैसा लगाने का प्रयास करते हैं.
ग्राम उन्नति के बारे में
बता दें कि ग्राम उन्नति एक डीपीआईआईटी मान्यता प्राप्त कृषि-प्रौद्योगिकी स्टार्ट-अप है सलाहकार सेवाएं प्रदान करता है और कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाले इनपुट तक पहुंच प्रदान करता है. जिससे कंपनी देश भर में फैले 30 जिला स्तरीय केंद्रों के नेटवर्क के माध्यम से संचालन करती है, जिससे कृषि प्रोसेसरों को सीधे किसानों से गुणवत्ता वाले अनाज, तिलहन, दालें, फल और सब्जियां प्राप्त करने में मदद मिलती है.
कार्यक्रम के दौरान ग्राम उन्नति के विशेषज्ञों के अलावा डॉ. डी.के. सिंह, प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), अंता, डॉ. गीतिका (फसल वैज्ञानिक, कृषि विभाग), डॉ. नंद बिहारी (सहायक जिला उद्यान अधिकारी, उद्यानिकी विभाग), और मलकीत सिंह (बाड़ीपुरा गांव के सरपंच)आदि लोग शामिल हुए.
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