भारत को किसानों का देश (कृषि प्रधान देश) कहा जाता है क्योंकि यहां के लोगों का मुख्य और प्राथमिक आय स्रोत कृषि ही है. इस समय देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. लॉकडाउन जैसे संकट की स्थिति में देश का पेट भरने वाला अन्नदाता (किसान) अब सरकार के साथ खड़ा नजर आ रहा है. कोरोना जैसी महामारी में किसानों ने अन्नदान करने का फैसला लिया है. किसानों के अन्नदान का जिम्मा भारतीय किसान यूनियन हरियाणा ने उठाया हैं. अन्नदान के समर्थन में हरियाणा के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के किसानों से अन्नदान करने की अपील की है.
बता दें, 10 अप्रैल को हरियाणा मुख्यमंत्री ने किसानों से अन्नदान करने की अपील की है. उन्होंने कहा कि प्रदेश किसानों से अपील है कि वे उनका साथ दें, किसान अपनी उपज के प्रति क्विंटल से 1 से 5 किलोग्राम अन्नदान करे. उन्होंने कहा कि किसान जैसे ही अपनी फसल विक्रय केद्रों पर बेचने आएगें तो उनसे आढ़ती व अधिकारी पूछेंगे कि वे सरकार को अन्नदान करना चाहते हैं या नहीं. उनके बाद किसानों के मतानुसार दान किया हुआ अनाज सरकार के दानकोष में डाल दिया जाएगा. किसान को फसल की उतनी ही मात्रा का भुगतान होगा, जितनी दान के बाद बचेगी.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने वीडियो कांफ्रेंसिंग करते हुए भारतीय किसान यूनियन के आह्वान के शुरू के हिस्से को भी दोहराया. यूनियन की हरियाणा इकाई के प्रधान गुरनाम सिंह चढूनी ने पिछले हफ्ते किसानों से अपील की थी कि वे संकट की इस घड़ी में सरकार के सभी निर्धारित नियमों का पालन करें. सरकार के साथ बैठक में आढ़तियों ने 0.10 प्रतिशत अन्न देने की हामी भर दी है.
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