राज्य सरकार फसल बर्बादी का आकलन करने के लिए अधिकारियों को जिम्मेदारी दे दी है. राज्य सरकार ने कहा है कि जो किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में सम्मिलित नहीं हैं, उनको भी चिंता करने की जरूरत नहीं है. ऐसे किसानों को राज्य सरकार अपने निधि से सहायता राशि उपलब्ध कराएगी.
इस मुआवजे की राशि सीधे किसानों के खाते में भेज दी जाएगी. गिरवादरी की रिपोर्ट आने के बाद मई महीने में किसानों को मुआवजा की राशि दे दी जाएगी. इसके लिए किसानों को ई-फसल क्षतिपूर्ति पोर्टल पर फसल बर्बादी का पूरा ब्यौरा देना होगा. इसके लिए किसान कॉमन सर्विस सेंटर पर भी जाकर फसल नुकसान की पूरी जानकारी ले सकते हैं.
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि जिन किसानों ने अपनी फसल का बीमा करवा रखा था, उन्हें बीमा कंपनियों के द्वारा मुआवजा दिया जाएगा. इसके अलावा जिन किसानों ने फसल बीमा नहीं करवाया है, उन्हें भी राज्य सरकार अपने फंड से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा राशि प्रदान करेगी.
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