Gopal Ratna Awards 2025: मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अंतर्गत पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा प्रतिष्ठित राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार (एनजीआरए)–2025 के विजेताओं की घोषणा कर दी गई है. यह पुरस्कार भारत के पशुधन और डेयरी क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धियों को मान्यता देने वाला सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान है. इस वर्ष कुल 2,081 आवेदनों में से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले किसानों, डेयरी सहकारी समितियों, दूध उत्पादक कंपनियों और कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियनों का चयन किया गया है.
पुरस्कार वितरण 26 नवंबर 2025 को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस समारोह के दौरान किया जाएगा. कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह (ललन सिंह) पुरस्कार प्रदान करेंगे, वहीं राज्य मंत्री प्रो. एस. पी. सिंह बघेल और जॉर्ज कुरियन भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे.
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार–2025: उद्देश्य और महत्व
राष्ट्रीय गोपाल रत्न पुरस्कार, राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंतर्गत शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है. दिसंबर 2014 में शुरू हुए इस मिशन का उद्देश्य देशी गोजातीय नस्लों का संरक्षण, संवर्धन और वैज्ञानिक प्रबंधन सुनिश्चित करना है. वर्ष 2021 से यह पुरस्कार प्रतिवर्ष उन किसानों और संगठनों को दिया जाता है जो:
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देशी गाय और भैंस नस्लों के संरक्षण में योगदान कर रहे हैं.
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डेयरी सहकारी समितियों और उत्पादक संगठनों को सुदृढ़ बना रहे हैं.
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तकनीकी दक्षता के माध्यम से पशुपालन क्षेत्र में सुधार ला रहे हैं.
यह पुरस्कार न केवल क्षेत्रों में उत्कृष्टता को बढ़ावा देता है, बल्कि नए किसानों और संगठनों को भी प्रोत्साहित करता है कि वे आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक तरीकों का उपयोग करते हुए डेयरी क्षेत्र को आगे बढ़ाएं.
सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान श्रेणी के विजेता (गैर-पूर्वोत्तर क्षेत्र)
इस श्रेणी में देशी गाय एवं भैंस नस्लों के पालन में उल्लेखनीय योगदान के लिए निम्न विजेताओं का चयन किया गया है:
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प्रथम स्थान: अरविन्द यशवंत पाटिल, कोल्हापुर, महाराष्ट्र
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द्वितीय स्थान: डॉ. कंकनाला कृष्ण रेड्डी, हैदराबाद, तेलंगाना
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तृतीय स्थान: हर्षित झूरिया, सीकर, राजस्थान
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तृतीय स्थान (समान): कुमारी श्रद्धा सत्यवान धवन, अहमदनगर, महाराष्ट्र
ये किसान देशी नस्लों के उन्नत संरक्षण, बेहतर प्रबंधन और उत्पादकता बढ़ाने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं.
सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान श्रेणी के विजेता (पूर्वोत्तर/हिमालयी क्षेत्र)
पूर्वोत्तर और हिमालयी क्षेत्रों के लिए विशेष श्रेणी में उत्कृष्टता दिखाने वाले विजेता:
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विजय लता, हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
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प्रदीप पंगरिया, चंपावत, उत्तराखंड
इन क्षेत्रों की चुनौतियों के बावजूद इन्होंने देशी पशुधन के संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति/दूध उत्पादक कंपनी/एफपीओ के विजेता (गैर-पूर्वोत्तर)
भारत के डेयरी अर्थतंत्र की मजबूत नींव सहकारी समितियां और उत्पादक कंपनियां हैं. इस वर्ष चयनित विजेता हैं:
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प्रथम स्थान: मीनन गाडी क्षीरोलपदका सहकारण संघम लिमिटेड, वायनाड, केरल
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द्वितीय स्थान: कुन्नमकट्टुपति क्षीरोलपादक सहकारण संघम, पलक्कड़, केरल
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द्वितीय स्थान (समान): घिनोई दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति, जयपुर, राजस्थान
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तृतीय स्थान: टीवाईएसपीएल 37 सेंदुरई मिल्क प्रोड्यूसर्स कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, अरियालुर, तमिलनाडु
इन संगठनों ने दूध उत्पादन, गुणवत्ता नियंत्रण, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और किसान हितैषी नीतियों के माध्यम से उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है.
सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी समिति – पूर्वोत्तर/हिमालयी क्षेत्र
इस श्रेणी में चयनित विजेता:
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कुल्हा दूध उत्पादक सहकारी समिति, उधम सिंह नगर, उत्तराखंड
इस सहकारी ने दूरदराज पहाड़ी क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन और विपणन को नई दिशा दी है.
सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी) श्रेणी के विजेता
भारत के पशुधन सुधार कार्यक्रम में एआई तकनीशियन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इस श्रेणी के विजेता हैं:
गैर-पूर्वोत्तर क्षेत्र
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प्रथम: दिलीप कुमार प्रधान, अनुगुल, ओडिशा
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द्वितीय: विकास कुमार, हनुमानगढ़, राजस्थान
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तृतीय: अनुराधा चकली, नंद्याल, आंध्र प्रदेश
एनईआर/हिमालयन क्षेत्र
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डेलुवर हसन, बारपेटा, असम
इन तकनीशियनों ने पशुधन की आनुवंशिक गुणवत्ता सुधारने में असाधारण योगदान दिया है.
पुरस्कार राशि और सम्मान
पहली दो श्रेणियों (किसान एवं सहकारी समितियां) के लिए:
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प्रथम पुरस्कार: ₹5,00,000
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द्वितीय पुरस्कार: ₹3,00,000
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तृतीय पुरस्कार: ₹2,00,000
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पूर्वोत्तर/हिमालयी विशेष पुरस्कार: ₹2,00,000
एआईटी श्रेणी में केवल प्रमाणपत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाएगा, कोई नकद पुरस्कार नहीं.
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