प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड में एक सभा को संबोधित करते हुए बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि से हमने अब तक 1 लाख 62 हज़ार करोड़ रुपए सीधे किसानों के बैंक खातों में भेजे हैं. वहीं सूत्रों की मानें तो अगले महीने किसानों के खाते में 2000 रुपये की 10वीं किस्त ट्रांसफर होगी. जिसको लेकर सरकार ने तेजी से काम शुरू कर दिया है. बता दें 15 दिसंबर तक किसानों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए जा सकते है.
गैर घातक गतिविधि के केस वापस हों : दुष्यंत
हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने के फैसले पर स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि आंदोलन के दौरान लोगों पर दर्ज हुए केस, इनमें जो गैर घातक गतिविधि के मामले हैं, उन्हें वापस करवाने का प्रयास रहेगा. उन्होंने कहा कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली में दर्ज जो मामले ज्यादा संगीन नहीं है, उन्हें वापस लिया जाने चाहिए. जो मामले संगीन हैं उन पर कोर्ट फैसला करें.
महाराष्ट्र के किसानों को हुआ भारी नुकसान
महाराष्ट्र के भंडारा जिले में लखनी तालुका के विभिन्न हिस्सों में नहरों का निर्माण पिछले कई सालों से चल रहा है. जिसके चलते इस काम के लिए ठेका देने वाली कंपनी की ओर से अचानक पानी छोड़े जाने पर कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गई. बता दें 22 एकड़ जमीन पर धान की फसल का नुकसान होने से किसानों को भारी नुकसान हुआ है जिसको लेकर किसानों ने ठेकेदार से मुआवजे की मांग की है.
मुस्लिम नेताओं ने की सीएए को निरस्त करने की मांग
कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद मुस्लिम नेताओं ने सीएए को भी निरस्त करने की मांग की दरअसल जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने कहा कि, 'हम अब सरकार से सीएए और एनआरसी जैसे अन्य कानूनों पर भी विचार करने का आग्रह करते हैं.
कृषि कानून की वापसी पर बोले लालू प्रसाद यादव
कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद बिहार में सियासत तेज हो गई है. ऐसे में जाति आधारित जनगणना एक बार फिर चर्चा में आ गई है. जिसको लेकर लालू प्रसाद यादव ने कहा कि महंगाई चरम पर होने की वजह से जनता पिस रही है और साथ ही देश को बेचा जा रहा है. जिसके लिए जातिगत जनगणना के मुद्दे पर भी आंदोलन करना होगा.
सरकार की मंशा नहीं समझ सके किसान: तोमर
प्रधानमंत्री मोदी ने केंद्र द्वारा लाए गए तीनों कृषि कानूनों को वापस करने का ऐलान किया है. जिसको लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि इन कानूनों के जरिए सरकार का प्रयास किसानों की मदद करना था और कृषि के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लाना था, लेकिन किसान सरकार की मंशा को समझ नहीं सके.
ला नीना के प्रभाव से बढ़ेगा ठंड का कहर
ला नीना के प्रभाव से दिसंबर, जनवरी और फरवरी के दौरान पूर्वी भारत में कड़ाके की ठंड पड़ेगी जिसके चलते दिल्ली एनसीआर के साथ उत्तर भारत के कुछ और राज्यों में भी न्यूनतम तापमान 2 से 3 डिग्री तक जाने की संभावना है.
Share your comments