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पशुपालकों के लिए खुशखबरी: सस्ती जेनरिक दवाओं को मिली केंद्र की हरी झंडी!

केंद्र सरकार के द्वारा सस्ती जेनरिक दवाओं को हरी झंडी मिलने से देशभर के पशुपालकों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. सस्ती और गुणवत्तापूर्ण पशु चिकित्सा दवाएं मिलने से पशुओं की सेहत में सुधार होगा, उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी.

लोकेश निरवाल
Agriculture News
खुशखबरी! केंद्र सरकार पशुपालकों को देगी सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली पशु चिकित्सा दवाइयां, सांकेतिक तस्वीर

भारत सरकार के द्वारा पशुओं के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक पहल की शुरूआत की गई है. केंद्र सरकार ने पशुधन स्वास्थ्य और रोग नियंत्रण कार्यक्रम (LHDCP) में 3,880 करोड़ रुपये के संशोधन को मंजूरी देकर किसानों और पशुपालकों के लिए एक बड़ा कदम उठाया है. इस फैसले के बाद अब पशुपालकों को उच्च गुणवत्ता वाली और सस्ती जेनरिक पशु चिकित्सा दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इस योजना का मुख्य उद्देश्य पशुओं की सेहत सुधारना और बीमारियों को नियंत्रित करना है, जिससे उनकी उत्पादकता में वृद्धि हो सके.

पशुओं के टीकाकरण और इलाज में होगी मदद

देशभर में पशुओं को कई तरह की बीमारियां होती हैं, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल हैं:

  • खुरपका-मुंहपका रोग (FMD)
  • ब्रुसेलोसिस
  • पेस्ट डेस पेटिट्स रूमिनेंट्स (PPR)
  • सेरेब्रोस्पाइनल फ्लूइड (CSF)
  • लंपी स्किन डिजीज (LSD)

इन बीमारियों की वजह से पशुओं की उत्पादकता घटती है, जिससे किसानों और पशुपालकों को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. इस योजना के तहत टीकाकरण और दवा वितरण प्रणाली को मजबूत किया जाएगा, जिससे पशुओं को सही समय पर इलाज और रोकथाम मिल सके.

कैसे बदलेगा पशुपालकों का जीवन?

सरकार की इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से देशभर के पशुपालकों को फायदा होगा. केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब पशुपालकों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं आसानी से मिल सकेंगी. यह योजना पशुओं की सेहत सुधारने के साथ-साथ किसानों को पशुपालन के लिए प्रोत्साहित करेगी, जिससे गाय, भैंस, बकरी, भेड़ और अन्य पशुओं का पालन करना और आसान होगा.

कहां से मिलेगी सस्ती दवा?

पशुपालकों को अपने पशुओं के लिए सस्ती और गुणवत्तापूर्ण जेनरिक पशु चिकित्सा दवाएं पीएम किसान समृद्धि केंद्रों और सहकारी समितियों के माध्यम से  प्राप्त कर सकेंगे. इससे पशुपालकों को महंगी दवाओं पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और वे कम लागत में अपने पशुओं का इलाज कर सकेंगे.

योजना पर कितना होगा खर्च?

मिली जानकारी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 के दौरान इस योजना पर 3,880 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. पशु औषधि योजना के तहत 75 करोड़ रुपये का अलग से प्रविधान किया गया है, जिससे दवा की आपूर्ति और बिक्री को सुचारू रूप से संचालित किया जाएगा. इसके साथ ही पारंपरिक पशु चिकित्सा ज्ञान को बढ़ावा देने के लिए दस्तावेज तैयार किए जाएंगे, जिससे प्राकृतिक और पारंपरिक उपचार को भी महत्व दिया जा सके.

English Summary: Good news for dairy farmers central government provide high quality veterinary medicines low budget Published on: 06 March 2025, 12:18 PM IST

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