देश भर के किसान संगठन दिल्ली में आंदोलन के लिए एकत्रित हुए। आंदोलन को किसान मुक्ति संसद नाम दिया गया। आखिरकार इस आंदोलन ने ये साफ किया किसानों में अब अपनी समस्याओं को देश की संसद से उम्मीदें लगाना छोड़ दी है। इसीलिए उन्होंने नई दिल्ली में किसानों के इस बड़े आंदोलन का आयोजन किया। देश भर से आए हुए किसानों की एक ही आवाज थी कि देश भर में किसानों की आत्महत्याओं का जिम्मेदार कौन है। किसानों की समस्याओं को सुनने के लिए कौन सी संसद है। यानिकि मौजूदा सरकार से भी किसान हताश निराश है।
हालांकि किसान अभी भी नतीजे को बेकरार है। स्वराज अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव ने देश भर से किसानों ने को दिल्ली आने के लिए निमंत्रण भेजा। आंदोलन में निमंत्रण के लिए उन्होंने किसानों से वीडियो में कहा कि यदि आप दिल्ली में किसान संसद में आना चाहते हैं तो पूरी तैयारी से आएं, यदि आस पास किसी भी किसान ने खुदकुशी की है तो उसकी तस्वीर और पूरी जानकारी लेकर आना। इस दौरान देश भर से किसानों ने दिल्ली आकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा हम किसानों के सम्मान की लड़ाई लड़ेंगे। खेती से 50 प्रतिशत आमदनी के लिए लड़ाई लड़ी जाएगी। अब हम किसान को मरने नहीं देंगे। अब हमारे द्वारा चुनी गई संसद हमारी आवाज नहीं सुनेगी तो हम अपनी संसद चलाएंगे।
इस बीच आशा कि जा रही है कि किसान अपनी समस्याओं के लिए देशव्यापी आंदोलन कर सकते हैं.
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