कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि खरीफ फसलों के आने के पहले ही किसानों के लिए फसलों की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित कर दिया जाएगा। सिंह ने कहा कि कुछ फसलों पर कृषि लागत का डेढ गुना मूल्य दिया जा रहा है लेकिन कुछ फसलों को यह मूल्य नहीं मिल रहा है।
खरीफ फसल के पहले ही सभी फसलों का बढा हुआ समर्थन मूल्य घोषित कर दिया जाएगा। इस संबंध में नीति आयोग से चर्चा की गई है और राज्यों के साथ भी विचार विमर्श किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मक्का का भी मूल्य उत्पादन लागत का डेढ़ गुना नहीं है। मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य उत्पादन लागत का 37 प्रतिशत ही है।
इस समय मक्का का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,440 रुपए प्रति क्विंटल है। उन्होंने कहा कि फसलों का मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आता है तो व्यापक पैमाने पर सरकारी स्तर पर उसकी खरीद की जाएगी। इससे राजकोष पर बोझ बढेगा लेकिन लोगों को यह समझना चाहिए कि इस पर पहला अधिकार किसानों और मजदूरों का है।
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कृषि मंत्री ने कहा कि बिहार, आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और राजस्थान आदि राज्यों में व्यापक पैमाने पर मक्का की खेती की जाती है। उन्होंने विश्व की तुलना में प्रति हेक्टेयर मक्के की कम उत्पादकता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जहां अमेरिका में प्रति हेक्टेयर 9.6 टन प्रति हेक्टेयर से अधिक उत्पादन होता है वहीं भारत में इसका उत्पादन 2.43 टन प्रति हेक्टेयर है। भारत विश्व के 5 प्रमुख मक्का निर्यातक देशों में शामिल है।
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