केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री राधामोहन सिंह 21 नवंबर 2017 को विश्व मात्सियिकी दिवस के आयोजन का उद्धघाटन करेंगे। आप को बता दें कि इस दिन 1997 में 18 देशों के मत्स्य कृषकों और मत्स्य कर्मकारों के विश्व मंच का प्रतिनिधित्व करने वाले कार्यरत मछुआरों और मछुआरिनों की बैठक नई दिल्ली में हुई थी और धारणीय मत्स्य-आखेट के प्रयोगों और नीतियों के एक वैश्विक जनादेश की वकालत करते हुए विश्व मात्स्यिकी मंच (डब्ल्यू.एफ.एफ.) की स्थापना की गई थी। जिसके बाद से हर वर्ष 21 नवम्बर को पूरे विश्व में विश्व मात्स्यिकी दिवस के रुप में इसका आयोजन किया जाता है।
भारत में पिछले चार वर्षों से लगातार इसका आयोजन किया जा रहा है। इस वर्ष पशुपालन, डेयरी एवं मात्स्यिकी विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान केन्द्र (एन.ए.एस.सी.) काम्प्लेक्स, पूसा रोड, नई दिल्ली में इसका आयोजन कर रहा है।
इस वर्ष इस आयोजन का मुख्य विषय '2022 का है सपना, किसान की आय हो दोगुना' रहेगा। मात्सियिकी दिवस के उपलक्ष्य पर इस आयोजन में प्रदर्शनी एवं तकनीकी सत्र मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेंगे। साथ ही मत्स्य पालन के क्षेत्र में अब तक किए गए विकासों का प्रदर्शन करते हुए एक प्रदर्शनी आयोजित की जाएगी जिसमें लगभग 50 प्रदर्शक हिस्सा लेंगे।
यही नहीं इस कार्यक्रम के दौरान विभिन्न उधमी, किसान, विशेषज्ञ, मत्स्य पालन से अधिक उत्पादन के लिए तकनीकियों पर विचार विमर्श करेंगे। साथ ही जल-कृषि, जल-जीव स्वास्थ्य एवं नीली क्रांति के घटकों पर भी चर्चा की जाएगी।
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