नई दिल्ली। एशिया के देशों में बड़े स्तर पर मछली निर्यात में तेजी आने के कारण अब भारत में भी वर्ष 2030 तक मछली के निर्यात में करीब 61.2 प्रतिशत के इजाफे की उम्मीद है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट- द स्टेट अॉफ वर्ल्ड फिशरीज एंड क्वाकल्चर के मुताबिक वर्ष 2016 की तुलना में दर्ज 10.7 लाख टन की तुलना में भारत में मछली का निर्यात बढ़कर 17.2 लाख टन तक पहुंच जाएगा। इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट में कहा गया है कि मछली और मत्स्य उत्पादन में लागातार तेजी जारी रहेगी जिसके चलते वैश्विक रूप में मछली निर्यात में 2030 तक 24 प्रतिशत तक का विस्तार होगा। मछली निर्यात के मामले में भारत एशियाई महाद्वीपों में सबसे आगे बना रहेगा। भारत के बाद इंडोनेशिया(57.6 प्रतिशत), वियतनाम (42 प्रतिशत), जापान (40 प्रतिशत), थाईलैंड (24.8 प्रतिशत) पर रहेगा। रिपोर्ट के मुताबिक चीन में मछली का उत्पादन 22.9 प्रतिशत से बढ़कर 94 लाख टन तक पहुंच जाएगा। रिपोर्ट में यह भी अनुमान लगाया गया है कि वर्ष 2030 में कुल मत्स्य उत्पादन का लगभग 31 प्रतिशत (यूरोपीय संघ को शामिल करते हुए) तक हो जाएगा। ये मछली निर्यात मानव उपभोग या गैर-खाद्य उद्देश्य से विभिन्न रूपों में होगा। अगर मात्रा के हिसाब से निर्यात बढ़ोतरी की बात की जाए तो मानव उपभोग के लिए मछली का वैश्विक व्यापार इस अवधि में 24 प्रतिशत तक बढ़ने की उम्मीद है जो कि वर्ष 2030 तक बढ़कर यह 4.8 करोड़ टन से अधिक तक पहुंच जाएगा। इस मछली निर्यात की वृद्धि में 2030 तक एशियाई क्षेत्र का योगदान लगभग 51 प्रतिशत तक होगा । 2030 तक मानव उपभोग के लिए मछली के कुल व्यापार में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक पहुंच जाएगी जबकि 20 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ चीन मानव उपभोग के लिए प्रमुख मछली निर्यातक बाजार बना रहेगा।
मछली निर्यात में होगा तीव्र उछाल
नई दिल्ली। एशिया के देशों में बड़े स्तर पर मछली निर्यात में तेजी आने के कारण अब भारत में भी वर्ष 2030 तक मछली के निर्यात में करीब 61.2 प्रतिशत के इजाफे की उम्मीद है। दरअसल संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन की रिपोर्ट- द स्टेट अॉफ वर्ल्ड फिशरीज एंड क्वाकल्चर के मुताबिक वर्ष 2016 की तुलना में दर्ज 10.7 लाख टन की तुलना में भारत में मछली का निर्यात बढ़कर 17.2 लाख टन तक पहुंच जाएगा। इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट में कहा गया है
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