केरल का काजू विकास निगम लिमिटेड की पहल की बदौलत अब जल्द ही केरल में बना काजू फेनी अब बाजार में दस्तक देगा. यहां राज्य के स्वामित्व वाले निगम ने कहा कि हमारा उद्देश्य काजू के मूल्यवर्धित उत्पादों के साथ में आना हैं. उन्होंने कहा कि हमने पहले काजू सोडा और जैम को बनाना शुरू कर दिया है यह दोनों काजू एप्पल से बने हुए है. फेनी एक ऐसा उत्पाद है जिसने गोवा में अपनी पहचान बनाई है. इसीलिए हमने ऐसा करने का फैसला लिया है. निगम के अध्यक्ष के मुताबिक सरकार को सौंपी जाने वाली परियोजना की रिपोर्ट तैयार की जा रही है और किसी भी समय काजू से फेनी बनाने का काम शुरू किया जाएगा. जैसे ही राज्य सरकार के द्वारा इसे मंजूरी मिलती है उसको शराब उत्पादन के विभिन्न पहलुओं को अंतिम रूप देने के लिए अबकारी विभाग को भेजा जाएगा.
काजू से बन रहे जैम और एप्पल
काजू का गूदा छह महीने तक ठीक रहता है और जब फेनी का उत्पादन शुरू होगा तो यह उसका प्रमुख घटक होगा. उन्होंने कहा कि काजू के एप्पल से जैम और सोडा के उत्पादन में हमारी पहल ने हमको पुरस्कार दिलाया है. क्योंकि अभी तक जो भी काजू के एप्पल बेकार हो रहे थे. वह कैश प्रोडक्ट में बदल गए थे और अब उपलब्ध काजू के पेड़ों की नई किस्मों के साथ ज्यादा से ज्यादा लोग पौधे लगाने शुरू कर सकते है. काजू उत्पाद के क्षेत्र और उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र क्रमश 18 और 33 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है.
केरल में काजू का सर्वाधिक उत्पादन
केरल में काजू का उत्पादन ज्यादा होता है.यहां पर कई छोटे-बड़े काजू के उद्योग है. केरल में काजू का उत्पादन 2008 और 2009 में 42 हजार मीट्रिक टन था. अब यह बढ़कर 25 हजार 600 मीट्रिक टन हो गया है. आज निगम के पास राज्य के 30 काजू कारखाने है और 12 हजार कर्मचारी है. यहां पर कोल्लम स्थित कारखाने में काजू सोडा और जैम का उत्पादन होता है. साथ ही इसकी मांग भी काफी ज्यादा है.
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