संकेत सरगर ने कर दिखाया कि कोई भी सपना बड़ा नहीं होता जब तक आपके भीतर उसे हासिल करने का जज्बा नहीं आ जाता. पान की दुकान से देखा हुआ सपना अब बर्मिंघम में पूरा हुआ. संकेत की मेहनत व जब्जे की बदौतल ही भारत ने सिल्वर पदक अपने नाम किया है. 21 वर्षिय संकेत ने 55 किग्रा वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता में 248 किग्रा कुल भार उठाकर भारत को वेटलिफ्टिंग में पदक दिलाया.
कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में भारत को वेटलिफ्टिंग में पहला सिल्वर मेडल जीताने वाले संकेत सरगर के पिता महाराष्ट्र के संगोई में एक पान व चाय की दुकान चलाते हैं. संकेत का बर्मिंघम का सफर चार साल पहले उनके पिता की 'पान की दुकान' से शुरू हुआ था. सांगली, महाराष्ट्र के रहने वाले 21 वर्षीय, अपने पिता की दुकान पर मदद करते थे, जब उन्होंने पुजारी गुरुराजा को 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान ऑस्ट्रेलिया में रजत पदक जीतते देखा था. उस वक्त से संकेत के दिमाग में सिर्फ एक लक्ष्य था कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत का प्रतिनिधित्व करना और पोडियम फिनिश करना.
उन्होंने मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि "2018 में 5 अप्रैल सुबह 6 बजे के आसपास गुरुराजा भैया (पूजारी गुरुराजा) 56 किग्रा वर्ग में कॉमनवेल्थ गेम्स में मुकाबला कर रहे थे. मुझे याद है कि तब मैं एक ग्राहक के लिए मसाला पान बना रहा था. उसी समय मैं दुकान में टीवी पर वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता देख रहा था. तब मैनें ठाना कि अगली बार मैं भी कॉमनवेल्थ गेम्स में जाऊंगा, पकका जाऊंगा, बस मेहनत करनी है और क्या करना है”.
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में महादेव सरगर (संकेत के पिता) ने कहा कि “मैं अपनी रोटी कमाने के लिए चाय और पान की दुकान चलाता हूं. मेरी बेटी ने हरियाणा (खेलो इंडिया यूथ गेम्स) में महाराष्ट्र के लिए स्वर्ण पदक जीता और मेरे बेटे ने अब राष्ट्रमंडल खेलों में पहला पदक जीता है. मैं बहुत उत्साहित हूं”.
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संकेत ने जीता सिल्वर मेडल
संकेत ने 55 किग्रा वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिता कुल 248 किलोग्राम (क्लीन एंड जर्क में 113 किलोग्राम और 135 स्नैच) उठाया और महज एक किलोग्राम से गोल्ड मेडल जीतने से चूक गए. मलेशिया के बिन कसदन मोहम्मद अनीक ने CWG 2022 में पुरुषों की 55 किग्रा प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता.
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