किसान क्रेडिट कार्ड या केसीसी भारत सरकार द्वारा किसानों के लिए एक पहल है ताकि देश के किसानों को उचित दर पर ऋण प्राप्त मिल सके. भारत सरकार की ओर से यह योजना अगस्त 1998 में शुरू की गई थी और यह ऋण, कृषि कल्याण पर इनपुट के लिए गठित एक विशेष समिति की सिफारिशों पर बनाई गयी थी. केसीसी लोन किसानों को खेती की लागत, फसल और खेत के रखरखाव के लिए ऋण प्रदान करता है. जिसके पास जमीन है और खेती से संबंधित कोई भी काम करना चाहता है, वह किसान क्रेडिट कार्ड ऋण आसानी से प्राप्त कर सकता है. किसान क्रेडिट सरकार किसानों को 7 फीसदी की जगह 4 फीसदी की ब्याज दर पर लोन मुहैया करती है.
किसान क्रेडिट कार्ड ऋण के लिए पात्रता क्या है?
-न्यूनतम आयु - 18 वर्ष
-अधिकतम आयु - 75 वर्ष
-यदि ऋण लेने वाला व्यक्ति एक वरिष्ठ नागरिक (60 वर्ष से अधिक आयु) है, तो उसके साथ एक सह-उधारकर्ता अनिवार्य है. सह-उधारकर्ता को कानूनी रूप से जमीन का उत्तराधिकारी होना चाहिए.
-सभी किसान - व्यक्ति या संयुक्त किसान
-किरायेदार किसानों सहित SHG / संयुक्त देयता समूह
-किरायेदार किसान, मौखिक पट्टेदार और शेयर फसलें
हालांकि अक्सर किसानों के मन में यह सवाल होता है कि वे पीएम किसान सम्मान निधि के तहत वार्षिक 6 हजार रुपये की किस्त तो पा रहे हैं लेकिन किसान क्रेडिट कार्ड कहां से बनवाएं?
दरअसल किसान क्रेडिट कार्ड योजना के मुताबिक ये कार्ड किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से आसानी से हासिल किया जा सकता है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया रुपये कार्ड जारी करता है. देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया और आईडीबीआई बैंक से भी इसे आसानी से प्राप्त किया जा सकता है.
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7 की जगह 4 फीसदी ब्याज पर लोन पाने के लिए किसान क्या करें
किसान क्रेडिट कार्ड के तहत किसानों को 3 लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटी के दिया जाता है . वहीं 5 साल में 3 लाख रुपये तक का शॉर्ट टर्म लोन भी दिया जाता है. जिसकी ब्याज दर महज 4 फीसदी होती है. वैसे समान्यतः 9 फीसदी की दर पर लोन मिलता है, लेकिन सरकार इस पर 2 फीसदी की सब्सिडी देती है. इस लिहाज से यह 7 फीसदी हो जाता है. वहीं अगर किसान इस लोन को समय पर लौटा देता है तो उसे 3 फीसदी की और छूट मिल जाती है. यानी कि किसान को सिर्फ 4 फीसदी की दर से ब्याजा चुकाना पड़ता है. वहीं अगर किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए लोन न लेकर अन्य बैंक से लोन लें तो उन्हें 8 से 9 फीसदी का ब्याज चुकाना पड़ता है.
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