खेती- किसानी में आजकल तकनीक का इस्तेमाल बढ़े पैमाने पर किया जा रहा है और खासकर के ड्रोन का इस्तेमाल तो खेती में एक ऐसी तकनीक है, जो कि किसानों को काफी आकर्षित कर रही हैं. ड्रोन के इस्तेमाल की बात करें, तो इसके लिए केंद्र सरकार से लेकर अलग-अलग राज्य सरकारों की ओर से काफी सहायता की जा रही है, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार भी अब अपना योगदान देने जा रही है, क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश सरकार को कृषि कार्य के लिए ड्रोन दिए जा रहे हैं.
ड्रोन के इस्तेमाल करने के हैं ये फायदे
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, खेती में खाद या कीटनाशक का इस्तेमाल घोलकर करने पर ज्यादा असरदार होता है. अगर यह छिड़काव ऊपर से किया जाए तो और ज्यादा असरदार होता है, लेकिन इसके लिए ड्रोन का उपलब्ध होना बेहद जरुरी है. विशेषज्ञों के अनुसार खेती में परंपरागत रूप से खेतों में जिस खाद का किसान छिड़काव करते हैं, उसका 15 से 40 फीसद ही फसल को प्राप्त होता है. जबकि पानी के साथ छिड़के जाने वाले उर्वरक का करीब 90 फीसद तक फसल को प्राप्त होता है .
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उत्तर प्रदेश को जल्द मिलेंगे 32 ड्रोन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कई प्रयासों के बाद केंद्र सरकार की तरफ से उत्तर प्रदेश सरकार को कुल 32 ड्रोन उपलब्ध कराए जा रहे हैं. जिसमें 4 कृषि विश्वविद्यालयों को, 10 कृषि विज्ञान केंद्रों और बाकी 18 आईसीएआरआई (इंडियन कौंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट) के संस्थानों को प्रदान किए जाएंगे. बताया जा रहा है, इन्हें खरीदने में 5 करोड़ 60 लाख का खर्चा आ रहा है.
एफपीओ कृषि को 40 से 50 फीसद सब्सिडी पर उपलब्ध होंगे ड्रोन
खेती-किसानी में उपयोग करने के लिए ये ड्रोन प्रदेश के कृषि क्षेत्र से ग्रेजुएट होने वालों को 50 फीसद सब्सिडी पर उपलब्ध कराए जाएंगे. यानी 10 लाख रुपए मूल्य के इस ड्रोन के लिए केवल 5 लाख रुपए चुकाने होंगे.
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