आगामी लोकसभा चुनाव जितना नजदीक आ रहा है. राजनीतिक पार्टियां उतना ही लोक-लुभावन योजनाएं ला रही है. इसी कड़ी में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार कर्जमाफी के बाद किसानों के लिए एक और बड़ी योजना लाने जा रही है. दरअसल कांग्रेस शासित राजस्थान में किसानों को अब पेंशन दी जाएगी. इस योजना की घोषणा बुधवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा में की. इस योजना का लाभ राजस्थान के लघु एवं सीमांत किसानों को पेंशन दी जाएगी. इसके अलावा राजस्थान के बीपीएल परिवारों को 2 रुपये की जगह 1 रुपये प्रति किलो गेहूं मुहैया कराया जाएगा.
सीएम अशोक गहलोत ने किसानों की कर्जमाफी पर बोलते हुए कहा कि 'जो किसान समय पर अपना ऋण बैंकों को चुकाते रहे हैं उन ईमानदार किसानों के लिए राजस्थान सरकार अलग से पैकेज लेकर आएगी ताकि ईमानदार किसान अपने आप को ठगा हुआ महसूस न करें'. गहलोत ने कर्जमाफी पर बोलते हुए कहा कि 'सहकारी बैंकों का पूरा कर्ज माफ किया जाएगा. बैकों को देने के लिए पैसे का इंतजाम किया जा रहा है. साथ ही सरकारी बैंकों के जो डिफाल्टर हैं उनके 2 लाख तक के कर्ज माफ करने के लिए बैंकों से बातचीत चल रही है.'
इसके साथ ही राजस्थान सरकार ने ऐलान किया कि बहुत जल्द गरीब सवर्णों के लिए 10 फीसदी आरक्षण बिल राजस्थान विधानसभा में लाया जाएगा और इसके लिए सभी विधायकों को सूचना दी जाएगी. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि सवर्णों को मिला 10 फीसदी आरक्षण अभीतक कुछ ही राज्यों में लागू हो पाया है. जिनमें से भाजपा शासित राज्य ज्यादा है.
इस दौरान पंचायत में निरक्षर लोगों के चुनाव लड़ने पर लगी रोक हटाने संबंधी बिल भी विधानसभा में पेश किया गया. जिस पर बोलते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि 'जब लोकसभा और विधानसभा में निरक्षर नेता सांसद और विधायक बन सकते हैं तो पंचायत और दूसरे स्थानीय निकायों में क्यों नहीं बन सकते.' गहलोत ने वसुंधरा सरकार के दौरान पिछली कांग्रेस सरकार के बंद किए कामकाज का ब्यौरा गिनाते हुए कहा कि बहुत जल्द इन सभी योजनाओं को फिर से शुरू किया जाएगा, हालांकि इस दौरान उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के विधायकों से ये भी कहा कि 'राजस्थान सरकार वसुंधरा सरकार के दौरान शुरू की गई किसी भी योजना को बंद नहीं करेगी.
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