इस समय बारिश का सही समय पर नहीं होने से ज्यादातर किसानों के खेत सूखने की कगार पर आ गए हैं. जिसके चलते किसान भाइयों को खरीफ की खेती को रोकना पड़ रहा है. जैसे कि आप सब लोग जानते हैं कि ज्यादातर किसान इस समय अपने खेत में धान की रोपाई (Transplantation of paddy) करते हैं. लेकिन बारिश नहीं होने के कारण किसान धान की रोपाई अपने खेत में नहीं कर पा रहे हैं.
बारिश नहीं होने से हुआ नुकसान (damage caused by lack of rain)
किसानों का कहना है कि करीब एक पखवाड़ा पहले भारी बारिश देखने को मिली थी लेकिन उसके बाद अब तक भारी बारिश के कोई आसार नहीं देखने को मिल रहे हैं. जिसके कारण किसानों के खेतों में सूखे जैसे हालात बनते जा रहे हैं. किसानों का यह भी कहना है कि खरीफ फसलों की बुवाई (sowing of kharif crops) इस उम्मीद से की थी कि इस सीजन में अच्छी बारिश से उन्हें फसल से अधिक मुनाफा होगा. लेकिन ऐसा कुछ उनके साथ नहीं हुआ. इसलिए अब किसानों की निगाहें अच्छी बारिश होने पर टिकी हैं. ताकि वह अपने खेत में रोपाई अच्छे से कर सकें. किसानों का कहना है कि नलकूपों के द्वारा खेतों में सिंचाई कर धान की रोपाई करना संभव नहीं है.
खरीफ सीजन में खेती (farming in kharif season)
इस समय किसान अपने खेत में ज्वार, बाजरा, मक्का, अरहर, कपास आदि फसलों की बुवाई करना शुरू कर देते हैं. मानसून की शुरुआत के साथ ही किसान इन फसलों की बुवाई का काम तेज कर देते हैं. जिससे वह अपनी फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त कर सके. लेकिन इस बार खेतों में ऐसा कुछ नहीं देखने को मिल रहा है.
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किसानों पर पड़ रही दोहरी मार (double whammy on farmers)
जहां एक तरफ किसानों को अपने खेत में सूखे का सामना करना पड़ा रहा है वहीं दूसरी और उन्हें बिजली की कटौती भी रुला रही है. इस विषय में किसान भाइयों को कहना है कि एक तो बारिश अच्छी नहीं होने से फसल को बेहद नुकसान पहुंच रहा है तो दूसरी और बिजली विभाग के द्वारा बिजली की कटौती के चलते उन्हें कई दिक्कतें हो रही हैं. अधिकांश इलाकों में तो बिजली सिर्फ 8 से 9 घंटे तक मिल रही है.
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