सरकार द्वारा अपने बजट में छोटे और सीमांत किसानों के लिए की गई ऋण माफी की घोषणा अब जल्द लागू हो सकती है. झारखंड सरकार द्वारा किसानों के ऋण माफी के लिए अपने बजट में दो हज़ार करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. गुरुवार को राज्य के नेपाल हाउस सचिवालय में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख की अध्यक्षता में किसानों की ऋण माफी को लेकर एक अहम बैठक बुलाई थी. इस बैठक में कृषि विभाग, वित्त विभाग और बैंक से जुड़े कई लोगों को शामिल किया गया था. इस बैठक का मकसद कर्ज माफी को लेकर चर्चा करना था. राज्य में किसानों के द्वारा लिए गये सर्वाधिक लोन की अगर बात करें तो यह किसान क्रेडिट कार्ड से लिया गया है और यहां के लगभग पांच लाख किसान कर्ज में डूबे हुए हैं.
एसएलबीसी के द्वारा तैयार किया जा रहा अलग पोर्टल
कुछ माह पूर्व में हुई एक बैठक में राज्यस्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) ने यह निर्णय लिया था किर कर्ज में डूबे किसानों का वो एक अलग से पोर्टल तैयार करेगा. इस पोर्टल में सभी बैंको का समेकित डाटा रखा जाएगा. वहीं इस पोर्टल पर किसानों का भी विस्तृत ब्योरा भी रखा जाएगा जैसे कि उनके कर्ज की श्रेणी इत्यादि अन्य जानकारी. इस पोर्टल में किसानों के ऋण के अनुसार फोल्डर बनाया जाएगा जिसमें एक फोल्डर में 50 हजार तक के ऋण वाले किसान, 50 हजार से 1 लाख रुपए तक वाले किसानों के लिए एक अलग फोल्डर और इससे उपर के लोन वाले किसानों का ब्योरा अलग होगा. राज्य सरकार किसानों का ब्योरा इसी पोर्टल से लेगी.
किसानों का 50 हजार तक का ऋण होगा माफ
बजट के घोषणा के वक्त ही राज्य सरकार द्वारा यह बात सपष्ट कर दिया गया था कि फिल्हाल किसानों के 50 हजार रुपये तक के कर्ज को माफ किया जाएगा. वहीं जिन किसानों के 50 हजार रुपए से ज्यादा बकाया है उनके 50 हजार रुपये माफ कर दिये जाएंगे, जबकि शेष राशि उन्हें चुकता करनी होगी.
राज्य में किसानों पर आठ हजार रुपये का कर्ज है और वहीं बजट में सिर्फ दो हजार करोड़ का प्रावधान है ऐसे में सरकार द्वारा यह योजना अगले वर्ष भी जारी रखा जा सकता है. बता दें कि कर्ज माफी योजना को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना की जगह पर शुरू किया गया है.
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