
Fertilizer Update: खरीफ सीजन 2025 में किसानों को यूरिया और डीएपी जैसे जरूरी खाद की कमी का सामना करना पड़ रहा है. इससे उनकी फसलों पर असर पड़ सकता है. खाद की यह कमी उत्तर प्रदेश सहित कई जिलों में देखी जा रही है. किसानों की परेशानियों को देखते हुए सरकार ने शिकायत निवारण के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. साथ ही नकली खाद से बचाव के लिए भी जरूरी सुझाव दिए गए हैं.
बता दें कि किसान केवल प्रमाणित विक्रेताओं से ही खाद खरीदें और किसी भी समस्या की जानकारी तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें, ताकि समय पर समाधान हो सके.
सरकार से मिला 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया
उत्तर प्रदेश को इस बार केंद्र सरकार से 10 लाख मीट्रिक टन यूरिया मिला है, लेकिन अभी तक मात्र 5.37 लाख मीट्रिक टन ही किसानों तक पहुंचा है. डीएपी और एनपीके की कुल उपलब्धता 5.58 लाख मीट्रिक टन है. कृषि मंत्री ने कंपनियों की धीमी आपूर्ति पर नाराजगी जताई और ओवररेटिंग तथा बंडल बिक्री पर कड़ी कार्रवाई का भरोसा दिया है.
प्रदेश में वर्तमान में 9.18 लाख मीट्रिक टन यूरिया और 5.58 लाख मीट्रिक टन फास्फेटिक खाद उपलब्ध है, जो सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के माध्यम से वितरित हो रही है. हालांकि रोजाना 48,384 मीट्रिक टन यूरिया की खपत के मुकाबले आपूर्ति मात्र 18,187 मीट्रिक टन हो पा रही है, जिससे किसानों को समस्या हो रही है.
इस नंबर पर करें किसान अपनी शिकायत दर्ज
यदि किसी किसान को खाद नहीं मिल रही हो या ओवररेटिंग की शिकायत हो, तो वे जिला कृषि अधिकारी, जिलाधिकारी के नियंत्रण कक्ष या राज्य स्तरीय उर्वरक कंट्रोल रूम, लखनऊ पर संपर्क कर शिकायत दर्ज कर सकते हैं. शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर 0522-2209650 उपलब्ध है. सरकार ने कहा है कि किसानों की शिकायतों का प्राथमिकता से निस्तारण किया जाएगा.
यह बढ़ रही नकली खादों की मांग
साथ ही, नकली खाद की बिक्री भी बढ़ गई है, जो किसानों की फसलों के लिए खतरनाक है. गोंडा (यूपी) और रायसेन (मध्यप्रदेश) में नकली खाद पकड़ी गई है. किसानों से आग्रह है कि वे केवल सहकारी समितियों या प्रमाणित विक्रेताओं से ही खाद खरीदें और खरीदते समय बिल जरूर लें.
किसानों को चाहिए कि वे खाद की जरूरत से ज्यादा मात्रा में खरीदारी न करें और अफवाहों से सावधान रहें. किसी भी अनियमितता पर तुरंत शिकायत करें ताकि समस्या का समाधान हो सके. सरकार खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है.
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