केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार की सबसे महत्वपूर्ण योजनाओं मे से एक 'प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम' की दूसरी क़िस्त भेजने की अनुमति चुनाव आयोग ने दे दी है. योजना की दूसरी क़िस्त भेजने के लिए चुनाव आयोग ने कुछ शर्त लगाई है. चुनाव आयोग ने आदेश जारी किया है कि पीएम किसान योजना की दूसरी क़िस्त उन्हीं किसानों को भेजी जाएगी जो रजिस्ट्रेशन आचार संहिता लागू होने से पहले करा चुके है. सरकार के आदेशनुसार योजना की दूसरी क़िस्त 1 अप्रैल को किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से भेज दी जाएगी. इस बात की जानकारी केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने दी.
योजना के तहत किसानों को नकद राशि मिल रही है. यही वजह है कि विपक्षी पार्टी इसे अपना चुनावी मुद्दा बना रही है. विपक्षी पार्टीयों का कहना है कि बीजेपी सरकार इस योजना के सहारे किसानों के वोटों को खरीदना चाहती है. पीएम किसान स्कीम की शुरूआत प्रधानमंत्री मोदी ने 24 फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले से की. 24 फरवरी के ही दिन पूर्व वित्त मंत्री एवं कांग्रेस नेता पी.चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा था कि आज वोटों के लिए नकदी दिवस है. आज से ही बीजेपी सरकार किसान को आधिकारिक रूप से वोटों के लिए रिश्वत देना शुरू कर देगी. शर्म की बात तो यह है कि चुनाव आयोग भी वोटों की इस रिश्वत को रोकने में विफल है.
कृषि मंत्रालय ने दूसरी किस्त जारी करने के लिए चुनाव आयोग से आचार संहिता लगने के बाद अनुमति मांगी थी. मोदी सरकार द्वारा किसानों को नकद राशी देने वाली योजना चुनाव आचार संहिता के फेर में फंसती नजर आ रही थी. शेखावत के मुताबिक करीब सवा सात करोड़ किसानों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है. 4.75 करोड़ किसानों का पहले से रजिस्ट्रेशन है. इस योजना के तहत पौने पांच करोड़ किसानों ने आवेदन किया है. दो करोड़ से अधिक किसानों के अकाउंट में 2000 रुपये की सहायता राशि भेजी जा चुकी है.
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