खराब मौसम और कोहरे के कारण ब्लाइट रोग किसानों के लिए परेशानियों का सबब बन रहा है. ब्लाइट रोग के चलते कई एकड़ में फैली किसानों की फसल बर्बाद हो गई है. पंजाब के पटियाला जिले के सनौर के कई किसानों ने दावा किया है कि खराब मौसम और कोहरे के कारण लगी ब्लाइट बीमारी से उनकी टमाटर और आलू की फसल खराब हो गई है. किसानों ने राज्य सरकार से उनकी फसलों को हुए नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की है.
प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहा विभाग
बागवानी विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया जा रहा है. जल्द इसकी रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेज दी जाएगी. बता दें कि सनौर में टमाटर लगभग 600 एकड़ में उगाया जाता है. झुलसा रोग से प्रभावित फसल का साफ मतलब है कम उत्पादन. जिसके परिणामस्वरूप टमाटर की कीमतें में बढ़ोतरी का अनुमान है.
विशेषज्ञों ने किसानों को दी ये सलाह
विशेषज्ञों की मानें तो,"ब्लाइट रोग मुख्य रूप से टमाटर और आलू को प्रभावित करता है. एक बार जब यह फसल में लग जाता है, तो इसके बीजाणु तेजी से फैलते हैं. खासकर नमी या गीले मौसम में कवक का विकास और तेजी से होता है." विशेषज्ञों ने किसानों को फसल को व्यापक नुकसान से बचाने के लिए अनुशंसित फफूंदनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी है.
किसानों ने उठाई मुआवजे की मांग
फिलहाल देर से बोई गई टमाटर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. दैनिक ट्रब्यून में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, खुड्डा गांव के साहिब सिंह ने कहा, "हमारे गांव में 60 एकड़ में बोई गई टमाटर की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. हमने फफूंदनाशक का इस्तेमाल किया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ." वहीं, फतेहपुर गांव के मनविंदर सिंह ने कहा कि उनकी छह एकड़ की फसल झुलसा रोग से बर्बाद हो गई है. अधिकारियों को नुकसान की रिपोर्ट तैयार करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसानों को नुकसान न हो. किसानों को उचित मुआवजा भी दिया जाना चाहिए.
पटियाला बागवानी विकास अधिकारी नवनीत कौर ने कहा कि उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय, लुधियाना के विशेषज्ञों की एक टीम के साथ प्रभावित गांवों का दौरा किया था और एक रिपोर्ट भी तैयार की गई है. जल्द ये रिपोर्ट विभाग को सौंप दी जाएगी. उन्होंने बताया कि पीएयू विशेषज्ञों ने किसानों को फसलों पर लेट ब्लाइट के हानिकारक प्रभाव को रोकने के लिए सिफारिशों का पालन करने की सलाह दी है.
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