1. Home
  2. ख़बरें

लॉकडाउन के कारण किसानों के मुरझाए चेहरे, 300 करोड़ के कारोबार पर दिखा असर

लॉकडाउन के कारण गेंहू की फसल को तो किसानों को प्रदेश में अच्छा दाम मिल रहा है और वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं. लेकिन मध्यप्रदेश में फूलों की फसल लेने वाले किसान काफी निराश हैं. कई किसानों की फूलों की फसल खेतों में ही खराब हो गई है और उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, प्रदेश से अधिकांश फूलों का निर्यात किया जाता है. लेकिन इस समय लॉकडाउन के कारण ऐसा नहीं हो सका है. इस कारण प्रदेश में करीब 250 से 300 करोड़ रुपए का फूलों का कारोबार प्रभावित हुआ है. इतना ही नहीं, इस धंधे से जुड़े कई लोग भी बेरोजगार हो गए हैं. उनके सामने भयंकर आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. ज्यादातर खेतों में फूल मुरझा गए हैं और मंदिर बंद होने से बिक्री पूरी तरह से ठप्प पड़ गई है. एक फूल कारोबारी ने कृषिजागरण से बातचीत में कहा कि देश में फूलों की खेती का कारोबार लगभग 1500 से 2000 करोड़ रुपय तक का है. इस कारोबार में फायदा देख, अब कुछ युवा वर्ग भी इसमें निवेश कर रहा है और यही कारण है कि भारत में हर साल 20 प्रतिशत की दर से यह कारोबार बढ़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में फूलों की खेती में मध्यप्रदेश का योगदान बहुत अधिक है और फूलों की खेती में एमपी देश के 5 टॉप राज्यों में शामिल है.

विकास शर्मा

लॉकडाउन के कारण गेंहू की फसल को तो किसानों को प्रदेश में अच्छा दाम मिल रहा है और वे काफी राहत महसूस कर रहे हैं. लेकिन मध्यप्रदेश में फूलों की फसल लेने वाले किसान काफी निराश हैं. कई किसानों की फूलों की फसल खेतों में ही खराब हो गई है और उन्हें आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, प्रदेश से अधिकांश फूलों का निर्यात किया जाता है. लेकिन इस समय लॉकडाउन के कारण ऐसा नहीं हो सका है. इस कारण प्रदेश में करीब 250 से 300 करोड़ रुपए का फूलों का कारोबार प्रभावित हुआ है. इतना ही नहीं, इस धंधे से जुड़े कई लोग भी बेरोजगार हो गए हैं. उनके सामने भयंकर आर्थिक संकट आ खड़ा हुआ है. ज्यादातर खेतों में फूल मुरझा गए हैं और मंदिर बंद होने से बिक्री पूरी तरह से ठप्प पड़ गई है. एक फूल कारोबारी ने कृषिजागरण से बातचीत में कहा कि देश में फूलों की खेती का कारोबार लगभग 1500 से 2000 करोड़ रुपय तक का है. इस कारोबार में फायदा देख, अब कुछ युवा वर्ग भी इसमें निवेश कर रहा है और यही कारण है कि भारत में हर साल 20 प्रतिशत की दर से यह कारोबार बढ़ रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में फूलों की खेती में मध्यप्रदेश का योगदान बहुत अधिक है और फूलों की खेती में एमपी देश के 5 टॉप राज्यों में शामिल है.

किसानों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के कारण फसल समय पर नहीं बिकी और इसके बाद मौसम की मार ने इस कारोबार से जुड़े लोगों की कमर ही तोड़ दी है. किसानों का कहना है कि लॉकडाउन की वजह से शादियां नहीं हो रही है, जबकि इस सीजन में लगभग 50 क्विंटल के आसपास रोजाना फूलों की बिक्री हो जाया करती थी. किसान भाइयों का कहना है कि लॉक़डाउन में मंडिया और खुदरा दुकाने बंद होने और विवाह सीजन में फूलों की मांग प्रभावित होने से बुरी हालत हो गई है. अब किसानों को दीपावली के आसपास फिर से इस कारोबार में तेजी आने की उम्मीद है.

English Summary: Due to Lockdown Rupees 300 crore flowers business affected Published on: 14 May 2020, 12:27 PM IST

Like this article?

Hey! I am विकास शर्मा. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News