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दुधिया मशरूम कम समय में किसानों के घर लाएगी खुशहाली
बिहार के बांका जिले में अब कैलोसाइबी इंडिका यानी दूधिया मशरूम जिले में खेती की तस्वीर और किसानों की तकदीर बदलेगी। इससे किसान न सिर्फ समृद्ध बनेंगे, बल्कि उन्हें कई पारंपरिक खेती से भी निजात मिलेगी। इससे पहले खरीफ के समय किसानों के सामने कुछ गिने-चुने फसलों की खेती करने की बाध्यता होती थी। लेकिन, अब वही किसान खरीफ के समय दुधिया मशरूम की खेती कर सिर्फ डेढ़ माह में पारंपरिक खेती से अधिक मुनाफा कमाएंगे।
बिहार के बांका जिले में अब कैलोसाइबी इंडिका यानी दूधिया मशरूम जिले में खेती की तस्वीर और किसानों की तकदीर बदलेगी। इससे किसान न सिर्फ समृद्ध बनेंगे, बल्कि उन्हें कई पारंपरिक खेती से भी निजात मिलेगी। इससे पहले खरीफ के समय किसानों के सामने कुछ गिने-चुने फसलों की खेती करने की बाध्यता होती थी। लेकिन, अब वही किसान खरीफ के समय दुधिया मशरूम की खेती कर सिर्फ डेढ़ माह में पारंपरिक खेती से अधिक मुनाफा कमाएंगे। जी हां, अबतक मवेशी को खिलाने के काम आने वाले पुआल से दूधिया मशरूम की खेती होगी। यह खाने में न सिर्फ लजीज होगा, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। इसकी खेती जितनी आसान है मुनाफा उतना ही अधिक। एक सौ किग्रा पुआल की भूसी पर लगभग 70 किग्रा से अधिक दूधिया मशरूम की उपज होगी। इसकी बाजार कीमत दो से ढाई सौ रु पये प्रति किलो है। किसान इसे थोक भाव में एक से एक सौ बीस रु पये किलो बेच कर भी बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं। इससे एक सौ किलो पुआल की भूसी से किसानों को लगभग पांच हजार से अधिक की आमदनी होगी। इसकी खेती के लिए किसानों को बहुत अधिक जमीन की भी जरूरत नहीं है। एक कट्ठा जमीन पर किसान खेती कर एक साल में लगभग एक लाख से भी अधिक का मुनाफा कमा सकते हैं।
ऐसे होगी दूधिया मशरूम की खेती
इसे कई माध्यमों से उगाया जा सकता है। यह लिग्निन, सेल्यूलोज व हेमीसेल्यूलोज युक्त कृषि अवशेषों पर आसानी से उगता है। इसे धान, गेहूं, मड़ुआ, मक्का, बाजरा, गन्ना, रूई व जूट की भूसी के साथ कपास के तने पर भी उगाया जा सकता है। इसके लिए भूसी को 80 से 90 डिग्री सेल्सियस तापमान पर 40 मिनट उबालना है। जिसके बाद गीले भूसे पर चार से पांच प्रतिशत बीज भूसी में मिलाकर पॉलीथीन थैले में परत में बुआई करना है। बैग के स्थान पर अंधेरा होना जरूरी है। वहीं कमरे में फार्मल्डिहाइड .05 प्रतिशत व मैलाथियॉन .01 प्रतिशत पानी में मिलाकर छिड़काव करना है। वहीं चोकर पांच से आठ प्रतिशत अथवा मक्का, दलिया व चावल की भूसी प्रति किलो भूसे में मिलाने से उपज में वृद्धि होती
English Summary: Dudhia mushroom will bring farmers home in less time
Published on: 28 August 2017, 04:25 AM IST
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