बूँद सिंचाई को सरकार बढ़ावा देने का पूरा प्रयास कर रही है. गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में किसानों ने बूँद सिंचाई तकनीक को अपना लिया है. और इन राज्यों में किसान बहुत ही अच्छे स्तर पर बूँद सिंचाई को अपना रहे हैं. उत्तर भारत के राज्यों में किसान अभी भी इस मामले में पिछड़े हुए है. इसलिए उत्तर प्रदेश सरकार बूँद सिंचाई विधि अपनाने पर किसानों को सब्सिडी दे रही है. यदि आप ड्रिप और स्प्रिंकलर विधि से सिंचाई करना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ ले सकते हैं. उद्यान विभाग इन्हें खरीदने के लिए किसानों को सब्सिडी दे रहा है. इसके लिए किसानों को आवेदन करना होगा.
लघु सीमांत किसानों को 90 तो सामान्य को 80 प्रतिशत का अनुदान योजना पर दिया जा रहा है. यही नहीं ड्रिप सिंचाई व स्प्रिंकलर विधि का इस्तेमाल कर किसान कम पानी में फसलों को अधिक पानी दे सकते हैं. उद्यान विभाग सिंचाई के इन साधनों के लिए किसानों को सब्सिडी भी देता है. सिंचाई के दौरान पानी की बर्बादी को रोकने के लिए उद्यान विभाग ने भी कवायद तेजी की है. प्रदेश में सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है. किसानों को प्रेरित किया जा रहा है कि वह ड्रिप इरीगेशन को अपना कर फसल का उत्पादन बढ़ा सकते हैं. वहीं अनुदान मिलने से भी उन्हें फायदा होगा.
इस योजना का लाभ सभी वर्ग के किसानों के लिए मान्य है, योजना का लाभ लेने के लिए किसान के पास की खुद की जमीन होनी चाहिए. प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-पर ड्रॉप मोर क्रॉप- माइक्रो इरीगेशन योजना के तहत उद्यान विभाग किसानों को स्प्रिंकलर पोर्टेबल, ड्रिप इरीगेशन, रेन गन अनुदान पर दे रहा है. इस योजना से फसल में लगने वाले पानी की खपत भी कम होगी और पौधे को पर्याप्त मात्रा में पानी भी मिल जाएगा. इससे पौधे की जहां ग्रोथ अच्छी होती है, वहीं किसानों की जेब भी हल्की होने से बचती है. स्प्रिंकलर पोर्टेबल, ड्रिप इरीगेशन और रैन गन लेने के लिए किसान को आनलाईन पंजीकरण कराना होगा.
लघु सीमांत किसानों को 90 प्रतिशत का और सामान्य किसानों को 80 प्रतिशत अनुदान डीबीटी के द्वारा दिया जाता है, चयनित होने के बाद किसान किसी भी कंपनी से खरीददारी कर सकता है. स्प्रिंकलर पोर्टेबल और रैन गन के लिए किसान को पहले अपनी जेब से पैसा लगाना होगा. इसके बाद बिल और वाउचर विभाग में सम्मिट करने पर अनुदान की धनराशि किसान के खाते में जाएगी. पंजीकरण कराने के लिए किसानों को पारदर्शी योजना के पोर्टल www.upagriculture.com पर अपना पंजीकरण कराकर पहले आओ पहले पाओ के सिंद्धात पर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. पंजीकरण के लिए किसान के पहचान के लिए आधार कार्ड, भूमि की पहचान के लिए खतौनी एवं अनुदान की धनराशि के अन्तरण के लिए बैंक पासबुक के प्रथम पृष्ठ की छाया प्रति अनिवार्य है. इससे किसानों को अच्छा फायदा मिल जाएगा.
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