द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) का नाम इस बीच सुर्ख़ियों में बना हुआ है, लेकिन इनकी उथल-पुथल ज़िंदगी के बारे में बहुत कम लोगों को ही पता है, जिसके चलते आज इन्होंने राष्ट्रपति भवन तक का सफर तय किया है. एक महिला का पॉलिटिक्स में सफर बहुत कठिन होता है और मुर्मू का यहां तक आना कोई आम बात नहीं है.
कौन हैं द्रौपदी मुर्मू (Who is Draupadi Murmu)
मुर्मू उड़ीसा की आदिवासी महिला मंत्री हैं, जो अब राष्ट्रपति पद के लिए एनडीए (NDA) की ओर से खड़ी हैं. बता दें कि यह झारखंड की गवर्नर भी रह चुकी हैं.
20 जून, 1958 को उड़ीसा में एक साधारण संथाल आदिवासी परिवार (Santhal Tribal Family) में जन्मी मुर्मू ने 1997 में अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. यह 1997 में रायरंगपुर में जिला बोर्ड की पार्षद भी चुनी गईं थी.
द्रौपदी मुर्मू का व्यक्तिगत जीवन (Draupadi Murmu's Personal Life)
2009 से 2015 के बीच महज छह साल में मुर्मू ने अपने पति, दो बेटों, मां और भाई को खो दिया. इनके तीन बच्चे थे, दो बेटे और एक बेटी. मुर्मू के एक बेटे की 2009 में और दूसरे बेटे की तीन साल बाद सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी.
इससे पहले, उन्होंने कार्डियक अरेस्ट के कारण अपने पति श्याम चरण मुर्मू को भी खो दिया था. उनकी बेटी इतिश्री फिलहाल में उड़ीसा के एक बैंक में काम करती हैं.
द्रौपदी मुर्मू की शिक्षा (Draupadi Murmu's Education)
इन्होंने अपनी शिक्षा की सीढ़ी गृह जनपद से शुरू की. इसे पूरा करने के बाद मुर्मू ने रामदेवी महिला यूनिवर्सिटी से अपनी ग्रेजुएशन डिग्री प्राप्त की. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि पढ़ाई करने के बाद अपना करियर बतौर शिक्षक के रूप में चुना और कुछ सालों तक टीचर की नौकरी की.
द्रौपदी मुर्मू का राजनीतिक करियर और उपलब्धियां (Draupadi Murmu's Political Career and Achievements)
शुरुआती दौर में मुर्मू ने अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा पार्टी (BJP) के साथ की थी. उड़ीसा में भाजपा से जुड़ने के बाद इन्होंने 1997 में भारी जीत के साथ रायरंगपुर पंचायत से पार्षद का पद संभाला था.
इसके बाद भाजपा ने द्रौपदी के जोश को देखते हुए इन्हें अनुसूचित जनजाति मोर्चा का वाईस प्रेजिडेंट बना दिया.
इनकी कहानी में मोड़, वर्ष 2000 से 2002 में भाजपा और बीजू जनता दल की गठबंधन की सरकार के बाद आया, जिसमें इन्होंने वाणिज्य और परिवहन मंत्री (Minister of Commerce and Transport) के पद पर अपना डंका बजाया.
इसके बाद मुर्मू साल 2002 से 2004 तक उड़ीसा की मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री (Minister of State for Fisheries and Animal Resource Development) बनी. बता दें कि इन्होंने उड़ीसा के विधानसभा चुनावों में रायगंज विधायकी में अपने कदम जमाए.
इसके अतिरिक्त, वर्ष 2015 से 2021 तक मुर्मू को झारखंड की पहली गवर्नर के रूप में नियुक्त किया गया. आज यह राष्ट्रपति के पद पर एनडीए की ओर से इलेक्शन लड़ रही हैं.
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