उत्तर प्रदेश देश में आबादी के हिसाब से सबसे बड़ा राज्य है. ऐसे में अगर यहां कुछ भी बदलाव या कुछ भी नया होता है, तो इसका असर कहीं ना कही देश के बाकी राज्यों में भी पड़ता है.
ऐसे में योगी सरकार ने राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है. राज्य सरकार अब किसानों के आय और फसल उत्पादन को बढ़ाने के लिए एफपीओ (FPO) की स्थापना करने जा रही है. ये एफपीओ क्या होता है ये आपको जरूर बतायेंगे, लेकिन उससे पहले जानते है कि एफपीओ आखिरकार अभी खबरों में क्यों है.
हर विकासखंड में बनेगा एफपीओ(FPO will be made in every development block)
दरअसल, योगी सरकार राज्य के सभी 825 विकासखंडों में नए एफपीओ का गठन करने जा रही है. वो भी मात्र 100 दिन के भितर. इसके लिए राज्य सरकार ने 354.75 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान तैयार किया है. राज्य में अगर 825 एफपीओ (FPO) बन कर तैयार हो जाते है, तो इसका फायदा सीधे राज्य के 4 लाख किसानों को मिलेगा. इसके तहत 100 दिनों में हर विकासखंड में एक विशेष फसल का चुनाव भी किया जाएगा.
आखिरकार एफपीओ होता क्या है?(What is FPO after all?)
पहले तो इसका फुलफॉम जान लेते है, एफपीओ यानि किसान उत्पादक संगठन(Farmer Producer Organization), इस आप किसान उत्पादक कंपनी(Farmer Producer Company) भी कह सकते हैं. किसान उत्पादक संगठक किसानों का एक समूह होता है, जो कृषि उत्पादन करता हो और खेती-किसानी से संबंधित व्यावसायिक गतिविधियां भी चलाने का काम करता हो. राज्य एफपीओ के माध्यम से सामूहिक खेती को बढ़ावा देने का काम करेगी, साथ ही एफपीओ किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए बाजार आसानी से उपलब्ध कराने का भी काम करेगा.
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बिचौलियों की मनमानी होगी खत्म(The arbitrariness of middlemen will end)
ऐसे में अगर सरकार का हर विकसखंड में एफपीओ बनाने का लक्ष्य पूरा होता है, तो इससे राज्य के किसानों को उनकी फसल का और बेहतर मूल्य मिल सकेगा. साथ ही इसमें बिचौलियों की भूमिका भी कम हो जायेगी और इसका सीधा मुनाफा किसानों को मिलेगा.
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