कृषि जागरण हमेशा कृषि और किसानों को ध्यान में रखते हुए कृषि क्षेत्र में अधिक से अधिक सुधार का प्रयास करता है. बता दें कि कृषि के क्षेत्र में विशेषज्ञों को कृषि पर चर्चा के लिए कृषि जागरण के KJ चौपाल में आमंत्रित किया जाता है.
इसी क्रम में आज यानी मंगलवार स्मित शाह, भारतीय ड्रोन महासंघ के अध्यक्ष कृषि जागरण चौपाल में शामिल हुए. कृषि जागरण और एग्रीकल्चर वर्ल्ड के फाउंडर एंड एडिटर इन चीफ एम.सी डोमिनिक व समस्त कृषि जागरण की टीम ने स्मित शाह और उनके सहयोगी का स्वागत किया.
कृषि आधुनिकीकरण के हिस्से के रूप में कृषि क्षेत्र में प्रौद्योगिकी के साथ काम करने की आवश्यकता है, जिनमें से एक सबसे महत्वपूर्ण कृषि क्षेत्र में ड्रोन का उपयोग है. इसी के चलते DFI (Drone Federation of India) के अध्यक्ष "स्मित शाह" ने केजे चौपाल में इस विषय पर चर्चा की. उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में कृषि क्षेत्र में ड्रोन का महत्व काफी अधिक होने वाला है, यह श्रम की कमी को दूर करेगा और किसानों के बहुमूल्य समय, पानी और रसायनों के सही मात्रा में छिड़काव करने में भी योगदान देगा.
इसी तरह, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी पैदा करेगा. उन्होंने बताया जो किसान भाई केवल 10 वीं कक्षा तक ही पढ़ाई की हैं, वे भी 5 दिनों के ड्रोन पायलट कोर्स का प्रशिक्षण ले सकते हैं और ड्रोन पायलट लाइसेंस प्राप्त कर सकते हैं ताकि उन्हें रोजगार मिल सके. इसके अलावा उन्होंने कहा कि ड्रोन का उपयोग करने के लिए किसी अन्य लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होती है.
ड्रोन पर मिलने वाली सब्सिडी की जानकारी (Subsidy available on drones)
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कृषि विश्वविद्यालयों, कृषि विज्ञान केंद्र को 100 प्रतिशत
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सब्सिडी, एफपीओ, सहकारी समितियों को 75 प्रतिशत सब्सिडी
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सीएचसी को 40 प्रतिशत सब्सिडी, इच्छुक ग्रामीण उद्यमियों (जो एक छोटा व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं) और 90 प्रतिशत बैंक ऋण कृषि इंफ्रा फंड के तहत दी जाती है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ड्रोन की मदद से किसान फसलों पर कीटनाशकों का छिड़काव करके ना सिर्फ अपना समय बचा सकते हैं बल्कि अपने आय को भी बढ़ा सकते है.
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