महीनो से सरसों की खेती पर मेहनत कर रहे किसानो का गुस्सा रोके से नहीं रुका जब तुली हुई सरसों की रखवाली भी खुद किसानो को करनी पड़ी। दरअसल बारिश आने से किसानो की फसल वैसे ही ख़राब हो गई ऐसे में किसानो को सरसों बेचने के लिए बाजार में तो बुलवाया गया लेकिन कट्टे, बोरी न होने की वजह से किसानो को सरसो खुले में ही रखनी पड़ रही है जिससे किसानो को गुस्सा आ गया और वह किसानो के नेता सुनील गोदारा की देखरेख में उपखण्ड अधिकारी मनमोहन मीणा और साथ ही क्रय विक्रय सहकारी समिति के मैनेजर भूरा प्रसाद शर्मा से मिले और उनपर अपना गुस्सा प्रकट किया और साथ ही उन्हें बताया की वह जब चना, सरसों बेचने जाते है तो वहां आऐ दिन बोरी, कट्टे ख़त्म हो जाते है जिसके कारण किसानो को बहुत तकलीफो का सामना करना पड़ता है।
साथ ही किसानो का कहना है की बरसात के मौसम में उनकी परेशानियां बढ़ती जा रही है। उपखण्ड अधिकारी मनमोहन मीणा ने इस पर किसानो को आश्वासन देते हुए कहा की उनके लिए बोरी कट्टे का इंतज़ाम कर दिया जायेगा और साथ ही किसानो के लिए ऐसी व्यवस्था की जाएगी की उन्हें दुबारा भविष्य में ऐसी किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
वर्षा
कृषि जागरण
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