1. Home
  2. ख़बरें

इथेनॉल के ल‍िए बढ़ रही है मक्का की मांग, उत्पादन बढ़ाने की मुह‍िम में जुटा आईआईएमआर

देश के 15 राज्यों के 78 ज‍िलों में शुरू हुई मक्का उत्पादन बढ़ाने की मुह‍िम. क‍िसानों को बांटे जा रहे हैं उन्नत क‍िस्मों के बीज एवं प्रदत की जा रही उन्नत मक्का उत्पादन का प्रशिक्षण.

KJ Staff
इथेनॉल के ल‍िए बढ़ रही है मक्का की मांग  (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इथेनॉल के ल‍िए बढ़ रही है मक्का की मांग (प्रतीकात्मक तस्वीर)

मक्का तीसरा सबसे अध‍िक उगाया जाने वाला अनाज है. अब बदलते समय में इसका महत्व और बढ़ गया है, क्योंक‍ि यह न स‍िर्फ इंसानों के खाने के काम आता है और पोल्ट्री इंडस्ट्री की जान है बल्क‍ि अब यह इनर्जी क्रॉप के तौर पर भी बहुत तेजी से उभर रहा है. क्योंकि इसका उपयोग इथेनॉल बनाने में किया जा रहा है. जिसे पेट्रोल के साथ मिलाया जा रहा है, ताक‍ि देश में पेट्रोल‍ियम का आयात कम और अन्नदाताओं को फायदा हो. क‍िसान अन्नदाता के साथ ही ऊर्जादाता भी बने. लेक‍िन समस्या यह है क‍ि इसका अभी उतना उत्पादन नहीं है ज‍ितना क‍ि फूड और फीड और फ्यूल के ल‍िए जरूरत है. ऐसे में पर्याप्त उत्पादन की जरूरत है.

इसके ल‍िए केंद्र सरकार ने "इथेनॉल उद्योगों के जलग्रहण क्षेत्र में मक्का उत्पादन में वृद्धि" (Enhancement of Maize Production in the Catchment Area of Ethanol Industries) नाम से प्रोजेक्ट शुरू क‍िया है. ज‍िसकी ज‍िम्मेदारी आईसीएआर के अधीन आने वाले भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान (आईआईएमआर) को दी गई है. इसके तहत मक्का उत्पादन बढ़ाया जाएगा. इस मुह‍िम में एफपीओ, किसान, डिस्टिलरी और बीज उद्योग को साथ लेकर काम क‍िया जाएगा. इसके तहत इस समय क‍िसानों को ज्यादा पैदावार देने वाली क‍िस्मों के बीजों का व‍ितरण क‍िया जा रहा है. आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओड‍िशा और उत्तर प्रदेश में डीएचएम-117 और डीएचएम-121 क‍िस्म के 3000 क‍िलो बीज अब तक बांट द‍िए गए हैं.

इस प्रोजक्ट को लीड कर रहे आईआईएमआर के वरिष्ठ मक्का वैज्ञानिक डॉ. एसएल जाट ने इस प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दी. उन्होंने बताया क‍ि इस प्रोजेक्ट के तहत पूरे भारत में 15 राज्यों में 15 कलस्टर बनाए गए हैं. इसके तहत 78 ज‍िलों को शाम‍िल क‍िया गया है, जहां मक्का का उत्पादन बढ़ाने का अभ‍ियान चलेगा. इन 15 राज्यों में आंध्र प्रदेश, असम, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओड‍िशा, महाराष्ट्र, पश्च‍िम बंगाल, तेलंगाना, तम‍िलनाडु, केरल, उत्तराखंड, कर्नाटक और हर‍ियाणा शाम‍िल हैं.  

क‍िसानों को ज्यादा पैदावार देने वाली क‍िस्मों के बीजों को किया गया व‍ितरण
क‍िसानों को ज्यादा पैदावार देने वाली क‍िस्मों के बीजों को किया गया व‍ितरण

इसके तहत 1500 एकड़ में मक्के की बुवाई की जानी है. ज‍िसमें से खरीफ 2024 सीजन में 1140 एकड़ का लक्ष्य रखा गया है. सभी संबंध‍ित ज‍िलों में इसके ल‍िए उन्नत बीज बांटे जा रहे हैं. अभी तक बायोसीड, डीएमएच 117, डीएमएच 122, डीएमआरएच 1308, पायनियर 3401, पायनियर 3396, डीकेसी 9144, डीकेसी 9133 और डीकेसी 9178 के साथ-साथ कोर्टेवा, बायोसीड, बेयर जैसी कंपन‍ियों के बीजों को भी शामिल किया गया है.  

भारतीय मक्का अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ हनुमान सहाय जाट ने कहा क‍ि सरकार इथेनॉल का अध‍िक उत्पादन करना चाहती है. इसके ल‍िए मक्का के अध‍िक उत्पादन की जरूरत है. केंद्र सरकार ने 2025-26 तक पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य रखा है. इथेनॉल का उत्पादन गन्ना, मक्का और कटे चावल से प्रमुख तौर पर होता है. लेक‍िन गन्ने और धान की फसल में ज्यादा पानी की खपत होती है, जबक‍ि मक्का में बहुत कम पानी लगता है. इसल‍िए इथेनॉल के ल‍िए मक्के का उपयोग करना प्रकृत‍ि के ल‍िए भी अच्छा रहेगा. इसके ल‍िए आईआईएमआर 15 राज्यों के 78 जिलों के 15 जलग्रहण क्षेत्रों में सर्वोत्तम प्रबंधन प्रथाओं और उन्नत किस्मों का प्रसार कर रहा है, ताक‍ि मक्का का उत्पादन बढ़े.

कृषि मंत्रालय ने अगले पांच वर्षों में मक्का उत्पादन में 10 मिलियन टन की वृद्धि करने का लक्ष्य रखा है. वजह यह है क‍ि पोल्ट्री फीड के ल‍िए मक्के की मांग बढ़ ही रही है, साथ में इथेनॉल उत्पादन के ल‍िए उत्पादन बढ़ना बहुत जरूरी है. कृष‍ि मंत्रालय के अनुसार 2022-23 में खरीफ, रबी और ग्रीष्मकालीन तीनों म‍िलाकर 380.85 लाख मीट्र‍िक टन यानी लगभग 38 म‍िल‍ियन टन मक्का का उत्पादन हुआ था. ज‍िसे बढ़ाना समय की मांग है और इस मुह‍िम में आईआईएमआर जुट गया है.

English Summary: demand for corn for ethanol is increasing IIMR is working to increase production Published on: 16 July 2024, 10:32 AM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News