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उत्तर प्रदेश के आलू की चमक हुई फीकी, पश्चिम बंगाल के आलू की बढ़ी मांग, ये है बड़ी वजह

उत्तर प्रदेश आलू का सबसे बड़ा उत्पादक है. देश में सबसे ज्यादा आलू यहीं उगाया जाता है. बावजूद इसके इस बार उत्तर प्रदेश के आलू की चमक फीकी हो गई है. दरअसल, यूपी के आलू की कीमत ज्यादा होने के चलते बंगाल के आलू की बढ़ी है.

KJ Staff
उत्तर प्रदेश के आलू की डिमांड घटी
उत्तर प्रदेश के आलू की डिमांड घटी

इस वर्ष अन्य राज्यों को आलू बेचने के मामले में उत्तर प्रदेश को होने वाले नुकसान के कारण पश्चिम बंगाल को काफी हद तक फायदा हुआ है. वर्तमान में ओडिशा, असम और आंध्र प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में बंगाल के आलू की खपत अधिक देखी जा रही है क्योंकि उत्तर प्रदेश का उन दिनों काफी महंगा चल रहा है. ज्यादा कीमत होने के चलते यूपी के आलू की डिमांड कम हुई है. जबकि, सस्ता होने के चलते बांगल के आलू की खपत में इजाफा हुआ है.

बंगाल के आलू की खपत बढ़ी

बिजनेसलाइन में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिकारी पतित पबन डे ने बताया कि हर साल बंगाल के आलू उत्पादक ओडिशा, असम और आंध्र प्रदेश को आलू बेचते हैं. इस साल हम इन तीन राज्यों में पिछले साल की तुलना में अधिक आलू बेच रहे हैं. पिछले साल की तुलना में यूपी के आलू के दाम अधिक होने के कारण ये राज्य वहां से कम आलू खरीद रहे हैं. जबकि, बंगाल के आलू की कीमतें सामान्य बनी हुई हैं.

पश्चिम बंगाल आम तौर पर अपने कुल आलू उत्पादन का लगभग 40 प्रतिशत अन्य राज्यों को बेचता है. 2022-23 के दौरान, देश के दूसरे सबसे बड़े आलू उत्पादक राज्य बंगाल में 4.60 लाख हेक्टेयर में आलू की खेती की गई और कुल उत्पादन लगभग 100 लाख टन हुआ, जो 2021-22 की तुलना में अधिक था. कोलकाता के बाजारों में आलू की थोक कीमतें वर्तमान में 11-13 रुपये प्रति किलोग्राम के आसपास चल रही हैं. लगभग पिछले साल के समान.

भंडारण के लिए किराया शुल्क बढ़ाए सरकार

इस बीच, पश्चिम बंगाल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन "अंतिम निर्णय" लेने के लिए 24 फरवरी को एक आम बैठक बुलाने की योजना बना रहा है. क्योंकि उसे अभी तक आलू के भंडारण के लिए किराये के शुल्क में संशोधन पर राज्य सरकार से कोई जानकारी नहीं मिली है. एसोसिएशन लंबे समय से मांग कर रहा है कि सरकार को आलू के भंडारण के लिए किराया शुल्क तुरंत बढ़ाना चाहिए, जिसमें कहा गया है कि कोल्ड स्टोरेज संचालकों को काफी नुकसान हो रहा है क्योंकि सरकार ने पिछले दो वर्षों से किराए में संशोधन नहीं किया है.

एसोसिएशन के अधिकारियों के अनुसार, सरकार द्वारा नियुक्त एक विशेषज्ञ समिति ने कोल्ड स्टोरेज के लिए बढ़ते इनपुट, मरम्मत, रखरखाव और श्रम लागत को ध्यान में रखते हुए 2023 की शुरुआत में किराये के शुल्क बढ़ाने का सुझाव दिया. हालांकि, सरकार की कार्रवाई की कमी ने कोल्ड स्टोरेज उद्योग को गंभीर संकट में डाल दिया है.

आलू का सबसे बड़ा उत्पादन है उत्तर प्रदेश

बता दें कि उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा आलू उत्पादक राज्य है. भारत से सबसे अधिक पैदावार यहीं होती है. यहां के किसान हर साल बंपर आलू का उत्पादन करते हैं. देश की कुल आलू उत्पादन में यूपी का 29.65 फीसदी की हिस्सेदारी है. यहां की मिट्टी और जलवायु आलू की खेती के लिए बेहतर मानी जाती है. लेकिन, इस बार उत्तर प्रदेश के आलू बाजार को थोड़ा नुकसान हो रहा है. आलू की ज्याद कीमत के कारण, यूपी की आलू की डिमांड घटी है. जिसका सीधा फायदा बंगाल हो रहा है. इसके बाद दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल आता है. जिसकी हिस्सेदारी 23.51 फीसदी की है. इसी तरह, बिहार में 17.2 फीसदी, गुजरात में 7.05 फीसदी, मध्य प्रदेश में 6.68 फीसदी और पंजाब में 5.32 फीसदी आलू का उत्पादन किया जाता है.

English Summary: Demand decreased due to high price of potatoes from Uttar Pradesh demand for potatoes from Bengal increased Published on: 24 February 2024, 02:25 PM IST

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