डेयरी कंपनी मिल्क मंत्रा ने 2023-24 में 279 करोड़ रुपये का राजस्व दर्ज किया है, जबकि 2022-23 में यह 272.90 करोड़ रुपये था. एक मीडिया बयान में कहा गया है कि कंपनी ने अपने EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई) को 2022-23 में 6.56 करोड़ रुपये के नुकसान से बढ़ाकर 2023-24 में राजस्व का सकारात्मक 6 प्रतिशत कर दिया है.
कंपनी ने कहा कि लाभप्रदता की ओर यह महत्वपूर्ण वापसी चुनौतीपूर्ण बाजार स्थितियों के बावजूद हुई है, जो मूल्य-संवर्धित उत्पादों और परिचालन दक्षता पर ब्रांड के फोकस की प्रभावशीलता को उजागर करती है. मालूम हो कि मिल्क मंत्रा के मूल्य-संवर्धित पोर्टफोलियो में साल-दर-साल 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इसके दही उत्पादों में 35 प्रतिशत सीएजीआर (चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर) बनी रही.
मिल्क मंत्रा की सह-संस्थापक और ईडी रशिमा मिश्रा के हवाले से बयान में कहा गया, "6.56 करोड़ रुपये के EBITDA घाटे से लेकर सकारात्मक 6 प्रतिशत मार्जिन तक की हमारी यात्रा, साथ ही हमारे उद्योग-अग्रणी 28 प्रतिशत योगदान मार्जिन, हमारे व्यवसाय मॉडल की ताकत को दर्शाता है. यह मील का पत्थर हमें अपने 'मिल्की मू' ब्रांड के नवाचार और विस्तार में और अधिक निवेश करने में सक्षम बनाता है, जबकि 80,000 किसानों के हमारे नेटवर्क का समर्थन करना जारी रखता है."
कंपनी ने कहा कि 95 प्रतिशत राजस्व उसके अपने सामान्य व्यापार वितरण चैनल के माध्यम से उत्पन्न होता है. कंपनी ने कहा कि इसकी डी2सी पहल 'डेली मू' ने महत्वपूर्ण गति प्राप्त की है, जो कुल राजस्व में 5 प्रतिशत का योगदान देती है और अकेले भुवनेश्वर में लगभग 4,000 दैनिक ऑर्डर पूरे करती है.
बयान में कहा गया है कि यूएसडीएफसी से हाल ही में मिले 10 मिलियन डॉलर के वित्तपोषण ने कंपनी की विस्तार योजनाओं को और बढ़ावा दिया है. मिल्क मंत्रा की योजना अपने डी2सी मॉडल को बढ़ाने, प्रमुख बाजारों में विस्तार करने और अगले दो वित्तीय वर्षों में नवीन आला उत्पाद पेश करने की है.
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