कपास की गिनती देश की मुख्य फसलों में होती है. इस बार कपास की पैदावार 9.3 फीसदी तक बढऩे की सरकार ने संभावना जताई है लेकिन उद्योग जगत के अनुसार उत्पादन इससे कम रहने के आसार हैं. केंद्रीय वस्त्र आयुक्त कविता गुप्ता ने एक संवाददाता सम्मेलन में कपास की पैदावार में तेजी आने का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा कि अक्टूबर से शुरू हुए कपास सत्र 2017-18 में 3.77 करोड़ गांठों की उपज होने का अनुमान है जो पिछले सत्र के 3.45 करोड़ गांठों की तुलना में 9.3 फीसदी अधिक है।
वैसे कपास की पैदावार में इतनी बढ़ोतरी होने पर भी इसके उद्योग जगत के अनुमानों से कम ही रहने के आसार जताए जा रहे हैं. कपास उद्योग का आकलन था कि 2017-18 के दौरान 4 करोड़ गांठ का उत्पादन होगा. सरकार का अनुमान है कि पैदावार बेहतर रहने से उसका कपास निर्यात भी अधिक होगा. अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कपास निर्यातक भारत इस विपणन सत्र में 67 लाख गांठों का निर्यात कर सकता है.
कपास की बुआई के रकबे में 19 फीसदी का उछाल आने से उद्योग जगत की उम्मीदें बढ़ गई थीं लेकिन कपास के पौधों में पिंक बोलवार्म कीड़ा लगने से उपज में कमी आने की आशंका बढ़ गई है. वस्त्र आयुक्त ने कहा कि खास तौर पर महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक जैसे प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में इस कीड़े का ज्यादा कहर देखने को मिला है.
Share your comments