देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए सरकार ने सरकारी नौकरी व कॉलेज में कुछ प्रतिशत आरक्षण तय किया हुआ है, लेकिन इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है कि देश के कमजोर वर्ग यानी EWs को 10 फीसदी आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए.
आपको बता दें कि इस विषय को लेकर आज 6 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट में आरक्षण को लेकर सुनवाई की तारीख को तय कर दिया गया है. मिली जानकारी के मुताबिक, यह सुनवाई संविधान पीठ द्वारा की जाएगी.
इस दिन होगी सुनवाई (Hearing will be held on this day)
देश में 10 प्रतिशत EWs में आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने 13 सितंबर 2022 को इसकी सुनवाई की तारीख तय की है. अगर इस दिन आरक्षण की छूट यानी कोटा को वैध (valid) करार कर दिया जाता है, तो देशभर में सरकारी नौकरी व कॉलेज एडमिशन में आर्थिक कमजोर वर्ग के छात्रों को बेहद फायदा मिलेगा.
यह भी बताया जा रहा है कि इस सुनवाई को 5 दिन में पूरा कर दिया जाएगा. इस विषय में सुप्रीम कोर्ट 8 सितंबर को एक लिस्ट जारी करेगा, जिसमें यह बताया गया होगा कि सुनवाई के दौरान क्या तरीके होंगे और कितने समय तक सुनवाई होगी आदि कई जानकारी मौजूद होगी, लेकिन समय सीमा पर दोनों पक्षों के वकीलों ने सुनवाई की बहस के लिए लगभग 20 घंटे की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट का यह भी कहना है कि दोनों पक्ष के वकील गुरुवार तक अपना-अपना पक्ष व अन्य सभी जरूरी जानकारी तैयार कर लें, ताकि इसे कोर्ट का समय बच सके.
क्या है EWS आरक्षण? (What is EWS Reservation?)
EWS आरक्षण देश के जनरल श्रेणी में आने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के उम्मीदवार होते हैं, जिन्हें केंद्र ने 103वें संविधान संशोधन अधिनियम 2019 के तहत 10 प्रतिशत तक आरक्षण दिया गया है.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अन्य श्रेणी के उम्मीदवारों को देश में पहले से ही आरक्षण प्राप्त है. जो कुछ इस प्रकार से हैं. जैसे कि- ओबीसी (27%), एससी (15%) और एसटी (7.5%).
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