बदलते रहन-सहन के कारण योग व प्राकृतिक चिकित्सालय की अति-आवश्यकता - आयुष मंत्री श्रीपद येसो नाईक
आयुष मंत्रालय भारत सरकार द्वारा पुणे स्थित राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान के निसर्ग ग्राम प्रोजेक्ट का शिलान्यास समारोह आज दिनांक 10 मार्च 2019 को संपन्न हुआ. इस अवसर पर माननीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार आयुष श्री श्रीपद येसो नाईक, आयुष मंत्रालय भारत सरकार श्री गिरीश बापट, माननीय मंत्री खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण, खाद्य और औषधि प्रशासन, संसदीय कार्य, पालक मंत्री पुणे,महाराष्ट्र सरकार, माननीय संसद सदस्य श्री अनिल शिरोले, माननीय राज्य मंत्री श्री विजय शिवतारे, महाराष्ट्र सरकार, एवं अन्य गणमान्य विशिष्ट जन और प्रतिभागी जन उपस्थित थे.
कार्यक्रम का शुभारंभ सभी मंच पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया. सभा को संबोधित करते हुए माननीय आयुष मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज के इस प्रोद्योगीकरण, आधुनिक और प्रतिस्पर्धात्मक युग में हम स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह हो गए हैं, इन परिस्तिथियों में जहां हमारी जीवनशैली, बदलते रहन-सहन के कारण हमारे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है ऐसे समय में योग व प्राकृतिक चिकित्सालय की अति-आवश्यकता हो गयी है और महात्मा गाँधी का कथन भी प्रासंगिक हो जाता है कि स्वावलम्बन के लिए स्वास्थ्य अवलम्बन चाहिए.
उन्होने आगे कहा, यह अस्पताल 25 एकड़ में बनाया जा रहा जिसकी लागत 200 करोड़ रूपए है और यह प्रोजेक्ट 2 वर्ष में बन कर तैयार हो जायेगा. वर्तमान में राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान (बापू भवन) जो कि ताड़ीवाला रोड पर स्थित है, जहां प्राकृतिक चिकित्सा व योग द्वारा विभिन्न चिकित्सा प्रदान की जा रही है, यह निसर्ग ग्राम प्रोजेक्ट उसी का विस्तार है. अब मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने कि सुविधा भी उपलब्ध होगी. निसर्ग ग्राम प्रोजेक्ट के आने से महाराष्ट्र और विभिन्न प्रान्त के लोगों को रियायती दरों पर प्राकृतिक चिकित्सा उपलब्ध होगी जिसमें मरीजों के लिए निदान से जुडी सभी तरह कि सुविधाएं जैसे आतंरिक रोगी विभाग, बाह्य रोगी विभाग, फिजियोथेरेपी, आदि कई विभाग संचालित होंगे. ऐसा भी श्री नाईक ने कहा .
और जानकारी देते हुए उन्होने कहा, इस प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए उपलब्ध जमीन के लिए महाराष्ट्र सरकार का सहयोग प्रशंसनीय है. इस निसर्ग ग्राम प्रोजेक्ट में मेडिकल कॉलेज जिसमें ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन, पीएचडी, फ़ेलोशिप और पैरा-मेडिकल कोर्सेस शुरू किये जायेंगे. इसके अतिरिक्त यहां अनुसंधान इकाई और महात्मा गाँधी का जीवंत स्मारक का निर्माण किया जाना सुनिश्चित है. यह प्रोजेक्ट गुरुकुल पद्धति की तरह संचालित होगा जिसमें मरीजों को अत्याधुनिक चिकित्सीय सुविधाओं के साथ-साथ, अध्ययन करने वाले छात्र-छात्राओं को प्राकृतिक चिकित्सा और योग का अध्ययन करवाया जायेगा. यहां मरीजों को भर्ती करने कि सुविधा होने से अनुसंधान करने में बहुत सहूलियत होगी. जिससे प्राकृतिक चिकित्सा और योग को घर घर तक पहुंचने का मार्ग प्रशस्त होगा.
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 18 नवंबर 2018 को हम सभी ने पहला प्राकृतिक चिकित्सा दिवस मनाया है. प्राकृतिक चिकित्सा और योग जिसका महत्व आज सारी दुनिया जानने लगी है. इस प्राचीन और नैसर्गिक पद्धति को हमें पूरे विश्व में प्रसार करना है. इसके लिए यह निसर्ग ग्राम प्रोजेक्ट 'मील का पत्थर' साबित होगा. इस निसर्ग-ग्राम प्रोजेक्ट की खास बात यह भी है कि यह प्रोजेक्ट प्राकृतिक नियमों को ध्यान में रखते हुए बनाया जा रहा है तथा इसके निर्माण में प्राकृतिक संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जायेगा. जल संवर्धन और जल संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यहां पानी को recycle करने का प्रबंध किया जायेगा, जिससे पौधों और वृक्षों को सिंचित किया जायेगा. कहने का आशय यह है कि प्रकृति प्रदत्त उपलब्ध संसाधनों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग कर, पर्यावरणीय संरक्षण पर भी इस प्रोजेक्ट में ध्यान दिया जायेगा. हमारा उद्देश्य रहेगा कि इसे zero waste zone बनाया जाये एवं इस परियोजना में सौर ऊर्जा का भी अधिक से अधिक प्रयोग किया जायेगा. ऐसा भी उन्होने कहा .
संस्था के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर के सत्य लक्ष्मी ने अपने स्वागत संबोधन में सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का अभिनंदन और स्वागत व्यक्त किया माननीय विधायक श्री योगेश तिलेकर, हड़पसर, श्री बसावा रेड्डी, निदेशक,मोरारजी देसाई नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ योगा, नई दिल्ली, डॉक्टर के सेठी, एडवाइजर, होम्योपैथी, आयुष मंत्रालय भारत सरकार, और अन्य उपस्थित थे.
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