भारत एक कृषि प्रधान देश है ये हम सब जानते हैं. लेकिन फिर भी किसानों की आर्थिक स्थिति काफी बिगड़ी हुई है. इसको ठीक करने और किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार हमेसा किसानों की मदद के लिए तैयार रहती है.
लेकिन सवाल यह उठता है की क्या किसानों तक सरकारी योजना का पूरा लाभ पहुंच रहा है या नहीं! जानकारी के आभाव में कई बार ऐसा होता है की किसान सरकारी योजना का लाभ उठाने में विफल होते हैं.
ऐसे ही किसानों के लिए अहम खबर आई है.आपको बता दें पीएम किसान निधि योजना की 10वीं किस्त का इंतजार कर रहे 12 करोड़ से अधिक लाभार्थी किसानों के लिए बड़ी खबर है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना 2021 में मोदी सरकार ने बड़ा बदलाव किया है. 15 दिसंबर तक जारी होने वाली अगली किस्त का पैसा आपको तभी मिलेगा जब आप e-KYC पूरा कर लेंगे. इसके बिना आपकी किस्त रुक सकती है. सरकार ने योजना को फर्जीवाड़े से बचाने के लिए यह अनिवार्य कर दिया है. कई बार ऐसा देखा गया है की जो लोग योजना का लाभ उठाने के लिए पात्र नहीं होते वो भी योजना का लाभ उठा लेते हैं जिससे जरूरतमंद किसानों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पता है.
वहीँ किसानों के लिए जरुरी है की पीएम किसान की 10वीं किस्त का इंतजार करने वाले लाभार्थि इस योजना में हुए अब तक के इन बदलावों को जरूर जान लें. नहीं तो वो भी योजना के लाभ से वंचित रह सकते हैं.
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सरकार ने PM KISAN योजना में रजिस्टर्ड किसानों के लिए e-KYC आधार अनिवार्य कर दिया है. पोर्टल के माध्यम से कहा गया है कि आधार आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण के लिए किसान कॉर्नर में ईकेवाईसी विकल्प पर क्लिक करें और बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए निकटतम सीएससी केंद्रों से संपर्क. वैसे आप घर बैठे ही अपने मोबाइल, लैपटॉप या कंप्यूटर की मदद से इसे पूरा कर सकते हैं.
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इसके लिए सबसे पहले आप https://pmkisan.gov.in/ पोर्टल पर जाएं.
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दाएं हाथ पर आपको टैब्स मिलेंगे। सबसे ऊपर eKYC लिखा मिलेगा। उस पर क्लिक करें.
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अब आप अपना आधार नंबर और इमेज कोड डालकर सर्च बटन पर क्लिक करें.
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इसके बाद आधार से लिंक मोबाइल नंबर डालें और ओटीपी डालें.
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अगर आपके द्वारा सही जानकारी दी गयी है तो eKYC पूरी हो जाएगी वरना Invalid लिख कर आएगा.
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अगर ऐसा हुआ तो आपकी किस्त रुक सकती है। आप आधार सेवा केंद्र पर इसे ठीक करा सकते हैं.
इन्हें नहीं मिलेगी किस्त
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अगर परिवार में कोई टैक्सपेयर है. परिवार का आशय पति-पत्नी और अवयस्क बच्चे से है.
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जो लोग खेती की जमीन का इस्तेमाल कृषि कार्य की जगह दूसरे कामों में कर रहे हैं.
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बहुत से किसान दूसरों के खेतों पर किसानी का काम तो करते हैं, लेकिन खेत के मालिक नहीं होते.
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यदि कोई किसान खेती कर रहा है, लेकिन खेत उसके नाम नहीं है.
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अगर खेत उसके पिता या दादा के नाम है.
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अगर कोई खेती की जमीन का मालिक है, लेकिन वह सरकारी कर्मचारी है या रिटायर हो चुका हो.
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मौजूदा या पूर्व सांसद, विधायक, मंत्री .
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प्रोफेशनल रजिस्टर्ड डॉक्टर, इंजिनियर, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट या इनके परिवार के लोग.
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कोई व्यक्ति खेत का मालिक है, लेकिन उसे 10000 रुपये महीने से अधिक पेंशन मिलती है.
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