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आइए आज हम मिलाते है आपको मछलियों के मशहूर डॉक्टर से...!

यूपी के झांसी में मछली व्यापारी गुलाब सिंह एक समय बुंदेलखंड में सूखे की मार का शिकार थे। उनकी मेहनत से लगाई हुई फसल हर साल बर्बाद हो रही थी। 2006 में एक रिश्तेदार से 1000 रुपए उधार मांगकर लाए। कोलकाता जाकर मछली के बीज खरीदे और खेत में तालाब खोदकर मछली पालन का बिजनेस शुरू कर दिया। आज हर महीने 1.5 लाख रुपए की उनकी इनकम हो गई है। अब कई प्रदेशों के लोगों के साथ-साथ सरकारी संस्थान भी गुलाब सिंह से मछली पालन के लिए बीज खरीदने आते हैं।

झांसी.  यूपी के झांसी में मछली व्यापारी  गुलाब सिंह एक समय बुंदेलखंड में सूखे की मार का शिकार थे। उनकी मेहनत से लगाई हुई फसल हर साल बर्बाद हो रही थी। 2006 में एक रिश्तेदार से 1000 रुपए उधार मांगकर लाए। कोलकाता जाकर मछली के बीज खरीदे और खेत में तालाब खोदकर मछली पालन का बिजनेस शुरू कर दिया। आज हर महीने 1.5 लाख रुपए की उनकी इनकम हो गई है। अब कई प्रदेशों के लोगों के साथ-साथ सरकारी संस्थान भी गुलाब सिंह से मछली पालन के लिए बीज खरीदने आते हैं।

मछलियों के डॉक्टर के नाम से मशहूर हैं...
1- गुलाब सिंह से कई जिलों का मत्स्य पालन विभाग भी अपनी समस्या को सुलझाने के लिए बुलाता है। इसलिए ये मछलियों के डॉक्टर के नाम से भी मशहूर हो गए हैं।
2- झांसी के बड़ा बाजार गेट बाहर के रहने वाले गुलाब सिंह रायकवार ने बताया, पिता जी के पास 15 बीघा जमीन थी। जिसमें टमाटर और भिंडी जैसी कई सब्जियां उगाते थे, लेकिन पानी की कमी या दूसरी वजहों से फसल खराब हो जाती थी। 2006 में मुझे मछली पालने का आइडिया आया। तो खेत में ही एक बड़ा गड्डा बनाया और 1000 रुपए उधार लेकर काम शुरू कर दिया।

1000 का बिजनेस अब 1.5 लाख का हो गया
1- गुलाब ने बताया कि पहली बार में ही उन्हें 15 दिन में 5000 रुपए की इनकम हुई। जो लागत से काफी ज्यादा थी। इससे मेरा हौसला बढ़ा गया। धीरे-धीरे काम को आगे बढ़ाया और वैज्ञानिक पद्धति से प्रजनन कराकर 1.5 लाख रुपए हर महीने की कमाई शुरु हो गई।
2- गुलाब सिहं ने अपने बिजनेस को आगे बढ़ाते हुए 3 महीने पहले ही रेड फिश और मोती के सीप का काम शुरु किया है। अभी इस बिजनेस की शुरुआत है और उन्हें 20-25 हजार रुपए महीने की इनकम होने लगी है।
3- उनके पास रेड फिश में अभी मौली फिश, एंजल फिश, व्हाईट शार्क, गप्पी फिश, अरवाना फिश, डिस्कस फिश, पैरेट फिश, गोल्ड फिश, क्विक कार्फ फिश, रेड कैफ फिश, फेंटल फिश और डॉलर फिश हैं। बताया कि फैमिली में करीब 45 सदस्य हैं। उनके पिता 5 भाई थे। उनकी पूरी फैमली का खर्चा मछली पालन से हो रहा है। घर के सभी लोग यही काम करते हैं।

प्रजनन के लिए बनवाया ब्रीडिंग पूल

गुलाब सिंह ने बताया कि प्रजनन के लिए उन्होंने ब्रीडिंग पूल बनाया है। इसके साथ ही कॉन्टेक्ट पूल (जिसमे ब्रीडिंग पूल में प्रजनन करने वाली मछलियों के अंडे रखे जाते हैं) बनाया।
यहीं हैचिंग पूल भी है, जिसमें अंडे से बीज (मछली के बेहद सूक्ष्म बच्चे) रखे जाते हैं। वे इन मछलियों को इन पूल में रखने के लिए पानी को 3 चरणों में साफ करते हैं। पानी की गुणवत्ता मछलियों के हिसाब से ही होती है। बीज जैसे ही कुछ बड़ा होता है उन्‍हें स्टॉक के लिए बनी 9 नर्सरी (छोटे-छोटे 9 तालाब) में रखते हैं।
इस काम के लिए आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र जैसे प्रदेशों में प्रशिक्षण लेने भी जा चुका हूं।

चाइना प्रजाति की मछली का भी होता है प्रजनन
1- गुलाब सिंह कई प्रजातियों की मछलियों का प्रजनन कराते हैं। उनके यहां चीन की सिल्वर, ग्रास, कॉमन और ब्रिगेड प्रजाति की मछलियां हैं। इसके साथ ही भारतीय प्रजाति की कलता, रोहु, न्रगाल मछलियां भी हैं। उन्‍होंने बताया कि जब मछलियां प्रजनन बंद कर देती हैं तो वह उन्हें बेच देते हैं। उनके यहां इस समय 10 किलो तक की मछली है।
2- एमपी, यूपी, राजस्थान के कई शहरों से लोग गुलाब सिंह से मछली के बीज खरीदने आते हैं। मछली पालन और बीज उत्पादक के रूप में मशहूर गुलाब सिंह के केंद्र पर दूर-दूर से लोग आते हैं। लोग उनसे मछली पालन की विधि समझना चाहते हैं। मत्‍स्य विभाग भी उनसे फोन कर सलाह लेता रहता है।​

 

English Summary: Come on, today we mix you with the famous doctor of fish ...! Published on: 18 October 2017, 07:07 AM IST

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