
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल में आयोजित किसान धन्यवाद समारोह के दौरान किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण घोषणा की. यह आयोजन ‘भावांतर योजना’ के तहत सोयाबीन उत्पादकों के सम्मान में किया गया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य के किसानों को सोलर पंप लगाने पर 90% तक की सब्सिडी दी जाएगी. पहले यह सब्सिडी केवल 40% तक सीमित थी. यह निर्णय किसानों की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने और कृषि में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिया गया है.
किसानों को मिलेंगे 32 लाख सोलर पंप
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार किसानों को लगभग 32 लाख सोलर पंप सब्सिडी पर उपलब्ध कराएगी. इससे किसान सोलर ऊर्जा से सिंचाई कर सकेंगे और अतिरिक्त बिजली उत्पादन कर सरकार को बेच भी सकेंगे. इससे किसानों की आय में इजाफा होगा और वे आर्थिक रूप से मजबूत बनेंगे.
किसानों की आय में कितना होगा इजाफा?
मुख्यमंत्री ने कहा, "सूखे खेत में जब पानी पहुंचता है, तो फसल सोना बन जाती है. हमारा लक्ष्य है कि राज्य का हर खेत पानी से सींचा जाए." उन्होंने यह भी बताया कि अब किसानों को उनकी वर्तमान पंप क्षमता से अधिक क्षमता वाले सोलर पंप दिए जाएंगे:
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जिन किसानों के पास 3 एचपी (HP) के पंप हैं, उन्हें 5 एचपी सोलर पंप दिए जाएंगे.
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जिनके पास 5 एचपी पंप हैं, उन्हें 7.5 एचपी सोलर पंप मिलेंगे.
बड़ी नदियों को जोड़ने की योजना भी लागू
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम में बताया कि सरकार जल संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए नदी जोड़ो परियोजनाओं पर भी कार्य कर रही है. राज्य की कृषि जीडीपी 39% से अधिक है और मध्यप्रदेश अनाज, दाल, तिलहन और मसालों के उत्पादन में अग्रणी है. इसीलिए जल आपूर्ति बढ़ाने के लिए इन परियोजनाओं पर ज़ोर दिया जा रहा है:
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पार्वती–कालीसिंध–चंबल परियोजना (राजस्थान के साथ)
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केन–बेतवा लिंक परियोजना (उत्तर प्रदेश के साथ)
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ताप्ती मेगा रिचार्ज परियोजना (महाराष्ट्र के साथ)
सोलर योजना से सिंचाई और बिजली दोनों में राहत
नई सोलर पंप योजना के तहत किसानों को पारंपरिक बिजली कनेक्शन पर निर्भर नहीं रहना होगा. इससे उन्हें अस्थाई बिजली कनेक्शन की झंझट से मुक्ति मिलेगी साथ ही बिजली के बढ़ते खर्च से राहत होगी और फसलों की समय पर सिंचाई संभव होगी.
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