Wheat Stock Limit: बढ़ती महंगाई को कंट्रोल करने के लिए केंद्र सरकार ने एक और बड़ा कदम उठाया है. केंद्र सरकार ने गेहूं की स्टॉक लिमिट में कटौती कर दी है, जो व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी रिटेल चेन के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसरों पर लागू होगी. सरकार ने लिमिट 1000 मीट्रिक टन से घटाकर 500 मीट्रिक टन कर दी गई हैं. यानी स्टॉक लिमिट में सीधा 50 फीसदी की कटौती की गई है. उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने कहा है कि कीमतों को नियंत्रित करने और उपभोक्ताओं के लिए आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं स्टॉक की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. जमाखोरी और सट्टेबाजी को रोकने के भी प्रयास हो रहे हैं.
खाद्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार को जारी एक बयान के अनुसार, डिपो स्तर पर किसी भी बड़ी श्रृंखला के खुदरा आउटलेट के साथ-साथ व्यापारियों और थोक विक्रेताओं के लिए 500 टन गेहूं की सीमा तय की गई है, जो पहले 1,000 टन थी. हालांकि, खुदरा विक्रेताओं के लिए कोई बदलाव नहीं है, जिसमें बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं द्वारा संचालित आउटलेट भी शामिल हैं, जो 5 टन पर ही रहेंगे.
चूंकि सरकार ने मिल मालिकों पर स्टॉक सीमा में ढील दे दी है, इस कदम से अब मिलों से बाजार तक गेहूं उत्पादों के मुक्त प्रवाह की अनुमति मिल जाएगी. सूत्रों ने कहा कि यह समय पर कार्रवाई रोलर आटा मिलर्स द्वारा सरकार को की गई शिकायत के बाद हुई, जिसमें एक विसंगति की ओर इशारा किया गया था. सूत्र ने कहा, "सरकार ने पिछले साल 8 दिसंबर को आटा मिलों और प्रोसेसरों के लिए स्टॉक सीमा को 2023-24 के शेष महीनों से गुणा करके मासिक स्थापित क्षमता का 70 प्रतिशत निर्धारित किया था. इसका मतलब यह था कि उनके पास जो भी स्टॉक है उसे 31 मार्च, 2024 तक शून्य स्तर पर लाना था. ऐसे में अगर इसमें बदलाव नहीं किया गया होता तो पूरी आपूर्ति शृंखला में निरंतरता बाधित हो सकती थी."
स्टॉक लिमीट पर सरकार की कड़ी नजर
मंत्रालय ने कहा कि समग्र खाद्य सुरक्षा का प्रबंधन करने और जमाखोरी और बेईमान सट्टेबाजी को रोकने के लिए, सरकार ने जून 2023 में गेहूं पर स्टॉक सीमा लागू की थी, जो सभी राज्यों और केंद्र में व्यापारियों/थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं और प्रोसेसर पर लागू होती है. यह स्टॉक सीमा आदेश 31 मार्च 2024 तक वैध है. बयान में कहा गया है, "केंद्र और राज्य सरकारों के अधिकारी इन स्टॉक सीमाओं के कार्यान्वयन की बारीकी से निगरानी करेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि देश में गेहूं की कोई कृत्रिम कमी पैदा न हो." इसमें कहा गया है कि खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग कीमतों को नियंत्रित करने और देश में आसान उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए गेहूं के स्टॉक की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है.
सरकार ने दी कार्रवाई की चेतावनी
मंत्रालय ने सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं से प्रत्येक शुक्रवार को अपनी स्टॉक स्थिति अपडेट करते रहने को भी कहा है. व्यापारियों और बड़ी श्रृंखला के खुदरा विक्रेताओं को 30 दिनों के भीतर गुरुवार को जारी संशोधित सीमा का पालन करना होगा. सरकार ने किसी भी इकाई के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी है, जो पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई गई या आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 के तहत स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती है.
रिकॉर्ड गेहूं उत्पादन की उम्मीद
मंत्रालय ने यह भी कहा कि साप्ताहिक ई-नीलामी के माध्यम से बाजार में जारी करने के लिए 2,150 रुपये प्रति क्विंटल के सब्सिडीयुक्त आरक्षित मूल्य पर, खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत आवंटित 101.5 लाख टन (लीटर) गेहूं में से 80.04 लीटर गेहूं बेचा गया है. 28 जून, 2023 से अब तक भारतीय खाद्य निगम (FCI) द्वारा बेचा गया. एफसीआई के पास 1 जनवरी को सेंट्रल पूल में 163.53 लीटर गेहूं का स्टॉक था, जो बफर मानक से ऊपर था. सरकार को उम्मीद है कि इस साल गेहूं का उत्पादन रिकॉर्ड 1140 लीटर तक पहुंच जाएगा.
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