देश में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए सरकार तरह-तरह की तैयारियां करती रहती है. माना जाता है कि हर साल बढ़ते प्रदूषण(Pollution) में बड़ा योगदान देने वालों में से सबसे ज्यादा फसल के अवशेषों को जलाने वाले किसानों का भी होता है.
हर साल ऐसी खबरे पढ़ने को मिल जाती है कि किसानों द्वारा पराली जलाएं जाने के बाद वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में चली गई हैं. ऐसे में इसी कड़ी में मध्य प्रदेश सरकार(Madhya Pradesh Government) ने बड़ा फैसला लेते हुए किसानों को चेतावनी जारी की है.
नरवाई जलाने वाले किसान पर एफआईआर दर्ज(FIR lodged against farmer who burnt Narwai)
दरअसल, मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के कलेक्टर अवनीश लवानिया ने जिले के किसानों को मध्यप्रदेश शासन पर्यावरण विभाग मंत्रालय(Ministry of Environment, Madhya Pradesh )द्वारा जारी नोटिफिकेशन के आदेश को लेकर चेतावनी जारी की है.
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कलेक्टर अवनीश लवानिया ने किसानों को दी ये फायदे की सलाह(Collector Avnish Lavania gave this advice to the farmers)
इसके मद्देनजर कलेक्टर अवनीश लवानिया ने कहा है कि किसान फसलों की कटाई करने के बाद फसल के अवशेषों यानि नरवाई को नहीं जलाएं, क्योंकि ये उनके लिए महंगा साबित हो सकता है. उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों को जलाने के बजाए उसका इस्तेमाल अपने खेतों में करें. इसके लिए रोटावेटर एवं कृषि यंत्रों के जरिए फसल अवशेषों की जुताई कर खेतों में मिला दें.
उन्होंने किसानों को दूसरा विकल्प देते हुए कहा कि या फिर इन अवशेषों को स्ट्रॉ रीपर में चलाकर इसका भूसा तैयार कर लें. ऐसा करने से आपको अपने पशुओं के लिए भूसा खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी, क्योंकि अभी के समय में मार्केट में लगभग 600-800 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेंहू का भूसा बिक रहा है. ऐसे में आप इस भूसे को बाजार में बेचकर अतिरिक्त लाभ उठा सकते हैं.
कलेक्टर अवनीश लवानिया ने किसानों को कहा कि अगर किसान फसल की नरवाई करते हैं, तो किसानों पर एफआईआर दर्ज कर मुकदमा चलेगा और इसके साथ ही उन्हें मुआवजे की राशि देनी पड़ेगी, जो की 2 हजार से 15 हजार रुपय तक की है.
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